- लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी फौज तीन चार दिन से शांत
- भारत का कूटनीतिक दबाव दिखा रहा है रंग
- एक जगह पर चीनी सेना 200 यार्ड पीछे हटी
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में एलएसी के करीब चीनी और भारतीय फौज एक दूसरे के आमने सामने हैं। एलएसी पर जैसे ही चीनी सैनिकों के जमावड़े की खबर सामने आई भारत सरकार की तरफ से तुरंत कार्रवाई की गई और 5 हजार सैनिकों की तैनाती के साथ साथा साजोसामान पहुंचाए जाने लगा। भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि अगर मामला कूटनीति और बातचीत से नहीं सुलझा तो दूसरे विकल्प भी तैयार हैं। इस तरह के बयान के बाद चीन के सुर नरम पड़े और बयान आया कि ड्रैगन और हाथी एक साथ डांस भी कर सकते हैं। इसका असर जमीन पर होता नजर आ रहा है।
तीन चार दिन से एलएसी पर हरकत नहीं
पिछले तीन चार दिनों से एलएसी पर चीन की तरफ से किसी तरह की हरकत नहीं हुई है। यही नहीं एक जगह पर चीनी सेना 200 यार्ड पीछे भी हटी है। बताया जा रहा है कि 1 मई से पहले चीन की तरफ से छिटपुट हरकतें सामने आती थी। लेकिन इस समय शांति है। चीनी वायुसेना के फाइटर प्लेन के जावब में भारतीय वायुसेना के प्लेन गश्त करते हैं। इसके साथ ही चीन और भारत के बीच तनाव बढ़ने के साथ ही दर्जन बार बैठक हो चुकी है। दोनों देशों के मेजर जनरल स्तर के अधिकारियों ने भी इस विषय पर चर्चा की है।
चीन की सरकार को नहीं थी उम्मीद
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर जैसे ही चीनी सैनिकों के साथ झड़प की खबर आई, भारत की तरफ से देरी नहीं की गयी। चीनी सैनिकों की संख्या के बराबर सैनिकों की तैनाती कर दी गई। इसके साथ ही भारी तोपों के साथ साथ दूसरे सैन्य उपकरणों को भी वहां व्यवस्थित कर दिया गया। जानकार कहते हैं कि भारत की तरफ से इतनी तेज कार्रवाई की आशा चीन को भी नहीं थी। चीन को जब लगने लगा कि अब मामला हाथ से निकल सकता है तो उसकी तरफ से अलग अलग बयान आने लगे जिसमें सुलह की बात कुछ अधिक थी।
सैटेलाइट के जरिए भारत चीन सीमा की होती है निगहबानी
सूत्रों का कहना है कि पिछले दो साल से चीन से सटी सीमा पर भारत की तरफ से खास निगहबानी की जा रही थी और उसका असर यह हुआ है कि चीन की तरफ से हर छोटी बड़ी वारदात के बारे में जानकारी मिल जाती है। हाल ही में जब लद्दाख में एलएसी के करीब चीन की तरफ से कुछ स्थाई संरचना नजर आई तो भारत के लिए चिंता बढ़ गई है। इस सिलसिले में मई के महीने में चीनी सैनिकों के साथ विरोध हुए। लेकिन यह पाया गया कि चीनी सेना पूरी तरह से तैयार बैठी थी और एकाएक 5 हजार के करीब चीनी सैनिक आ गए जिसके बाद भारत की तरफ से दबाव की कार्रवाई शुरू हुई।