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NSA, CDS और सेना प्रमुख की रणनीति के आगे पस्त हो रहा चीन, LAC पर नहीं चल पा रही 'चालबाजी'

China not getting advantage of stratrgic advance in LAC due to NSA, CDS and army chief
Updated Sep 21, 2020 | 07:38 IST

India China Border News: सूत्रों का कहना है कि चीन की नजर इस इलाके में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा रहने की रही है। बीते दिनों में उसने इन ऊंचाइयों को अपने नियंत्रण में लेने का प्रयास भी किया।

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China not getting advantage of stratrgic advance in LAC due to NSA, CDS and army chiefChina not getting advantage of stratrgic advance in LAC due to NSA, CDS and army chief
तस्वीर साभार:&nbspPTI
एनएसए, सीडीएस और सेना प्रमुख की रणनीति के आगे पस्त हो रहा चीन।
मुख्य बातें
  • बीते कुछ दिनों में चीन ने एलएसी पर कई चोटियों पर कब्जा करने की कोशिश की है
  • भारतीय सेना की मुस्तैदी के आगे पीएलए अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाई है
  • एलएसी पर हाल के दिनों में भारतीय सेना ने सामरिक रूप से अहम चोटियों पर नियंत्रण किया है

नई दिल्ली : चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारतीय सेना वास्वतिक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थित ऊंची चोटियों पर अपना नियंत्रण कर पीएलए पर रणनीतिक बढ़त बनाए रखना जारी रखी है। बीते कुछ दिनों में भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में रणनीतिक रूप से अहम छह नए पहाड़ियों पर अपना नियंत्रण किया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सरकार के शीर्ष सूत्रों ने बताया, 'भारतीय सेना ने 29 अगस्त से लेकर सितंबर माह के दूसरे सप्ताह तक छह नई चोटियों को अपने अधीन लिया है। जिन नई चोटियों पर नियंत्रण किया गया है, उनके नाम मगार हिल, गुरुंग हिल, रेकेहेन ला, मोखपाडी और फिंगर 4 के पास की पहाड़ी हैं।' सूत्रों का कहना है कि एलएसी पर भारतीय सेना के अभियानों पर एनएसए अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे की करीबी नजर है।  

चीन से पहले भारतीय सेना चोटियों पर हुई सक्रिय
सूत्रों का कहना है कि एलएसी के समीप स्थित इन पहाड़ियों पर कोई गतिविधि नहीं थी। ये खाली पड़ी थीं। इससे पहले की चीन इन पहाड़ियों पर कोई हरकत करता, सेना ने इन चोटियों को अपने नियंत्रण में ले लिया है। सूत्रों के मुताबिक इन चोटियों पर नियंत्रण हो जाने से इस इलाके में चीन की सेना पर भारतीय सैनिकों की सामरिक रूप से बढ़त बन गई है। 

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इन चोटियों पर चीन की सेना पीएलए की थी नजर
सूत्रों का कहना है कि चीन की नजर इस इलाके में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा रहने की रही है। बीते दिनों में उसने इन ऊंचाइयों को अपने नियंत्रण में लेने का प्रयास भी किया लेकिन भारतीय सैनिकों की मुस्तैदी की वजह से उसकी सभी कोशिशें नाकाम कर दी गईं। चीन को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी हिस्से से लेकर दक्षिणी क्षेत्र में कम से कम तीन बार फायरिंग की घटनाएं सामने आई हैं।

चीन ने अपनी अतिरिक्त एक ब्रिगेड तैनात की
सूत्रों का कहना है कि ब्लैक टॉप और हेलमेट टॉप एलएसी के चीन वाले हिस्से में स्थित हैं जबकि सेना ने जिन ऊंचाइयों को अपने अधीन किया है वे एलएसी के भारतीय क्षेत्र में हैं। सेना की ओर से इन पहाड़ियों पर नियंत्रण कर लेने के बाद चीन ने इस इलाके में अपनी एक अतिरिक्त ब्रिगेड की तैनाती की है। इसमें करीब 3000 सैनिक शामिल हैं। उसने यह तैनाती रेजांग ला एवं रेचेन ला पहाड़ियों के करीब की है।

भारत और चीन के बीच चरम पर है तनाव
सूत्रों का कहना है कि सीमा पर चीन की आक्रामकता को देखते हुए भारतीय सेना राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे की निगरानी में आगे बढ़ा रही है। गत 15 जून की गलवान घाटी की हिंसा के बाद भारत और चीन के रिश्ते काफी तल्ख हो गए हैं। सीमा पर तनाव कम करने के लिए कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर पर कई दफे की बातचीत हो चुकी है लेकिन अभी इसमें सफलता नहीं मिल पाई है।  

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