- चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग दो दिवसीय दौरे पर आज आ रहे भारत
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अनौपचारिक बैठक है आयोजित
- तमिलनाडु के मामल्लापुरम में होगी दोनों नेताओं की बैठक
- शी के स्वागत के लिए फल और सब्जियों सजाया गया है मामल्लापुरम शहर
मामल्लापुरम : चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को भारत आ रहे हैं। तमिलनाडु के मामल्लापुरम (महाबलीपुरम) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संग उनकी अनौपचारिक बैठक आयोजित है। चीनी राष्ट्रपति के भारत आगमन और शी-मोदी के मुलाकात को लेकर पूरे शहर में सुरक्षा व्यवस्था इतनी कड़ी है कि परिंदे भी पर नहीं मार सकते हैं।
कृषि विभाग (हॉर्टीकल्चर विभाग) ने पांच रथ के पास एक स्वागत गेट का निर्माण किया है जिसे 18 प्रकार के सब्जियों और फलों से सजाया गया है। संभावना है कि चीनी राष्ट्रपति और पीएम मोदी आज देर शाम यहां का दौरा करने वाले हैं। इस गेट को सजाने के लिए करीब 200 कर्मचारियों ने 10 घंटे तक मेहनत की तब इस स्वागत गेट को तैयार किया।
इस सजावट के लिए 18 प्रकार के सब्जियों और फलों का इस्तेमाल किया गया है। रोचक बात ये है कि ये सभी सब्जियां और फल राज्य के अलग-अलग कोने से मंगाए गए हैं। इनमें नारियल, केले, लीची, बैंगन, तरबूज, मूली, गाजर, आलू, टमाटर, नींबू, शिमला मिर्च आदि कई प्रकार के सब्जियां फल सजाने में इस्तेमाल में लाए गए हैं।
हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट के एडिशनल डायरेक्टर तमिलवेंधन ने बताया कि ये सभी सब्जियां और फल ऑर्गेनिक हैं और सीधे खेतों और बगानों से तोड़ कर लाए गए हैं। इसके अलावा मोदी-जिनपिंग के स्वागत के लिए मंदिरों के पास पारंपरिक केले के पेड़ लगाए गए हैं। सजावट के लिए लाल और सफेद गुलाब के फूलों का भी इस्तेमाल भी किया गया है।
बता दें कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पीएम मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक वार्ता के लिए भारत दौरे पर आ रहे हैं। शी के साथ चीन के विदेश मंत्री वांग यी और पोलितब्यूरो सदस्य भी होंगे। वहीं भारत की तरफ से पीएम मोदी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर होंगे।
समुद्र तट के किनारे बसा ऐतिहासिक शहर मामल्लापुरम में पीएम मोदी और शी जिनपिंग की बैठक होगी। इसके लिए ये खूबसूरत शहर उनकी मेजबानी के लिए पूरी तरह से तैयार है। बैठक में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किए जाने और क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी। इसके अलावा भारत-चीन विकास में भागीदारी पर भी चर्चा की जाएगी। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में ये बातें बताई। यह समिट काफी हद तक 2018 अप्रैल में वुहान में हुए पहली बैठक के समान ही होगी।