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चीन ने लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक सीमा पर तैनात की फौज, LAC पर भारत ने भी बढ़ाई जवानों की तादाद

Updated Jun 11, 2020 | 16:47 IST

भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव बना हुआ है। इस बीच चीन अब माइंडगेम पर उतर आया है। खबर के मुताबिक चीन ने एलएसी पर अपनी फौज तैनात कर दी है।

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चीन ने लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक सीमा पर तैनात की फौज
मुख्य बातें
  • सीमा पर अपनी हरकतों से बांज नहीं आ रहा है चीन, अब माइंडगेम पर उतरा
  • एलएसी पर भारत से लगी सीमाओं पर तैनात किए पीएलए के जवान
  • भारतीय सेना ने भी सीमा पर बढ़ाई अपने जवानों की तादाद

नई दिल्ली : लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र में बने तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के बीच दूसरी बार सैन्य स्तर की वार्ता शुरू करने की तैयारी चल रही है। इसी बीच, चौंकाने वाली खबर आ रही है कि चीन ने 4000 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी फौज तैनात कर दी है। चीन के इस पैंतरे को देखते हुए भारत ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम एवं अरुणाचल प्रदेश के अग्रिम मोर्चों पर अपनी सैन्य टुकड़ियों को रवाना कर दिया है।

चीन लगातार हो रहा है आक्रामक!

भारत और चीन के बीच अब तक का सबसे बड़ा विवाद लद्दाख में पैदा हुआ है। इसकी शुरूआत तब हुई जब चीनी सेना ने मई के पहले हफ्ते में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ लद्दाख सेक्टर और सिक्किम में अपने निर्माण शुरू कर दिए। सिकिक्म में जब चीनी सैनिक नाकू ला क्षेत्र में आए तो वहां भारतीय सैनिकों के साथ उनकी झड़प हुई। एएनआई की खबर के मुताबिक, 'चीनी सेना ने न केवल लद्दाख में बल्कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश सहित अन्य क्षेत्रों में भी भारत से लगी सीमा पर सैन्य निर्माण का कार्य किया है। निर्माण में सैनिकों और भारी हथियारों को शामिल किया गया है। ये भी पढ़ें: Ladakh:गलवान इलाके में चीनी सेना 2.5 किमी पीछे हटी, बातचीत का दिखा असर

भारतीय सेना ने भी भेजे अतिरिक्त जवान

 सूत्रों के अनुसार चीनियों द्वारा किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावना से बचने के लिए भारत ने भी सीमा पर अपने सैन्य तैनाती को बढ़ा दिया है। हिमाचल प्रदेश सहित एक कोर के रिजर्व ब्रिगेड हिमाचल प्रदेश सहित में हैं, जो कारू में स्थित 3 इन्फैंट्री डिवीजन को मदद प्रदान करने के लिए लद्दाख सेक्टर तक गए हैं। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश में सीमावर्ती स्थानों पर सेना को तैनात किया गया जहां अप्रैल माह के दौरान चीनी हेलिकॉप्टर देखे गए थे।

चीन लगातार कर रहा है ऐसी हरकत

 उत्तराखंड में भी हरसिल-बाराहोती-नेलांग घाटी और अन्य क्षेत्रों में अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया गया है क्योंकि निर्माण शुरू होने से पहले चीनी हेलिकॉप्टर भी वहां आ गए थे और पैदल गश्त करते देखे गए थे। चिकन नेक के गलियारे से शुरू होने वाले पूर्वी क्षेत्र में भी अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की गई है और 17 माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स की एक ब्रिगेड भी तैनाती के लिए तैयार है। भारत ने चीन को जवाब देते हुए अपने नए अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर और अन्य भारी हथियारों को सीमा तक पहुंचा दिया है।

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बातचीत जारी

जब चीन ने निर्माण कार्य शुरू किया तो उनके हेलिकॉप्टरों ने लद्दाख सेक्टर सहित कई स्थानों पर असामान्य गतिविधि शुरू कर दी थी, जहां वे भारतीय सेना द्वारा महत्वपूर्ण दुरुक-श्योक-दौलतबॉल्डी रोड को पैट्रोलिंग से जोड़ने के लिए बनाए जा रहे नए पुल के ठीक ऊपर आए थे। केवल लद्दाख सेक्टर में नियंत्रण रेखा के समीप चीनी पक्ष ने 10,000 से अधिक सैनिकों और भारी हथियारों सहित टैंकों और लंबी दूरी की तोपों की तैनाती की है और भारत चाहता है कि चीन वहां से अपने सैनिकों को हटाकर अप्रैल वाली वास्तविक स्थिति में आए। सीमा पर उभरे इस तनाव को कम करने के लिए लगातार दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है।

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