नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन विधेयक के संसद से पास होने के बाद शरणार्थियों में खुशी की लहर है। लोकसभा के बाद राज्यसभा से बिल पास होने के बाद राजस्थान के जैसलमेर में पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों ने जश्न मनाया। दिल्ली में भी पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों में खुशी की लहर है। बिल पास होने की खुशी में एक महिला शरणार्थी ने अपनी 2 दिन की बच्ची का नाम भी 'नागरिकता' रख लिया।
दिल्ली के मजनू का टीला में रहने वाली एक पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी महिला ने नागरिकता संशोधन विधेयक पास होने की खुशी में अपनी दो दिन की बेटी का नाम 'नागरिकता' रखा। महिला ने कहा, 'यह मेरी इच्छा है कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 विधेयक संसद में पारित हो।' बुधवार को संसद ने विधेयक पारित किया।
नागरिकता संशोधन विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।
एक रिफ्यूजी ने कहा, 'बिल के पास होने से हम बहुत खुश है और नाच रहे हैं। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह जी को प्रणाम करते हैं।'
राज्यसभा में बिल पर बोलते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'सवाल पूछा जा रहा है कि इस बिल में मुस्लिम क्यों नहीं है? मैं आपको बता दूं कि इन तीनों देशों में मुस्लिम अल्पसंख्यक नहीं हैं, इसलिए उन्हें नहीं रखा गया है। बिल में उन्हें रखा है, जो इन देशों में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार हैं। देश में अल्पसंख्यकों के साथ कोई भेदभाव नहीं है। हमने 566 मुस्लिमों को नागरिकता दी है। सिर्फ मुसलमान आएंगे, तभी धर्मनिरपेक्षता होगी क्या? क्या बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में इस्लाम के अनुयायियों को अल्पसंख्यक कहा जा सकता है? नहीं, जब राज्य का धर्म इस्लाम है, तो मुसलमानों के उत्पीड़न की संभावना कम है।'