- कृषि सुधार विधेयकों के खिलाफ पंजाब सहित कई राज्यों में प्रदर्शन कर रहे हैं किसान
- पंजाबै में किसानों के प्रदर्शन में शामिल होंगे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, तैयार की अपनी योजना
- हरियाणा भी जाएंगे राहुल, कृषि सुधार विधेयकों पर कांग्रेस अपना रुख स्पष्ट करना चाहती है
नई दिल्ली : पंजाब में कृषि सुधार विधेयकों के खिलाफ किसानों के विरोध-प्रदर्शन को कांग्रेस नेता राहुल गांधी का समर्थन मिलेगा। कांग्रेस इन विधेयकों के खिलाफ पंजाब में 'किसान यात्रा' की शुरुआत करने जा रही है। यह यात्रा इस सप्ताह संगरूर से शुरू होगी और यह पंजाब एवं हरियाणा होते हुए दिल्ली में समाप्त होगी। पार्टी ने इन विधेयकों के खिलाफ 14 नवंबर तक भारी विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी विरोध-प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले हैं।
संगरुरू में किसानों की सभा संबोधित करेंगे राहुल
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सूत्रों का कहना है कि राहुल संगरूर में किसानों की एक सभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद यह सभा रोड शो में तब्दील होते हुए पटियाला की तरफ रवाना होगी। यह कार्यक्रम दो अक्टूबर को होना था लेकिन इसे अगले दिन तीन अक्टूबर के लिए टाल दिया गया। राहुल गांधी की इस यात्रा को देखते हुए पंजाब के प्रभारी हरीश रावत पहले से ही राज्य में डेरा डाले हुए हैं।
हरियाणा भी जाएंगे राहुल
बुधवार को हरियाणा के नेताओं ने राज्य के एआईसीसी प्रभारी विवेक बंसल से दिल्ली में मुलाकात की। हरियाणा की कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने बताया कि अगले दो से तीन दिनों में राहुल गांधी पंजाब और हरियाणा की यात्रा पर आएंगे। बता दें कि कृषि सुधार विधेयकों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को कांग्रेस अपना पूरा समर्थन दे रही है। सोनिया गांधी ने इन 'काले कानूनों' को कांग्रेस शासित राज्यों में लागू न करने की बात कही है।
किसान कर रहे विधेयकों का विरोध
सूत्रों का कहना कि राहुल के इस कार्यक्रम के पीछे पार्टी की सोच इन विधेयकों पर कांग्रेस का रुख स्पष्ट करने और यह बताने की है कि केंद्र की मोदी सरकार किसानों के हितों के खिलाफ है। संसद के मानसून सत्र से कृषि सुधारों से जुड़े तीन विधेयक पारित हुए हैं। सरकार का दावा है कि इससे किसानों की आय में इजाफा होगा और वे अपनी फसल उचित दामों में देश भर में कहीं भी बेच पाएंगे। जबकि किसानों को आशंका है कि आने वाले दिनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और मंडियां खत्म हो सकती हैं।