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MP:कांग्रेस के 17 विधायक बंगलुरु में,कैबिनेट बैठक में उपस्थित सभी मंत्रियों का इस्तीफा,सोनिया से मिले राहुल

Updated Mar 10, 2020 | 00:27 IST

Kamalnath Government : मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सूत्रों पर यकीं करें तो ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के करीब 17 विधायक-मंत्री बेंगलुरु में डेरा डाल चुके हैं।

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मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर है संकट

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सूत्रों पर यकीं करें तो ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के 6 मंत्री और 11 विधायक इस समय बेंगलुरु में हैं। खुद सिंधिया कहां पर हैं इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। हालांकि उन्हें अभी दिल्ली में उनके आवास पर देखा गया। टाइम्स नाउ को सूत्रों ने बताया है कि सिंधिया भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेताओं के साथ संपर्क में हैं और वह कमलनाथ सरकार को गिराने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिराने के लिए भाजपा को 9 विधायकों की जरूरत है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के कुल 18 विधायकों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। चर्चा है कि राज्यसभा की सीट न मिलने से सिंधिया नाराज बताए जा रहे हैं और इसके चलते आतंरिक गुटबाजी अपने चरम पर पहुंच गई है।

वहीं भाजपा ने भोपाल में सोमवार को पार्टी कार्यालय में विधायक दल की बैठक बुलाई है। इसके अलावा भोपाल में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री कमलनाथ के आवास पहुंचे। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रात में कैबिनेट की बैठक बुलाई। बैठक में मौजूद सभी कैबिनेट मंत्रियों ने इस्तीफा दिया। सभी के इस्तीफे स्वीकार किए गए। बैठक में केवल 16 कैबिनेट मंत्री उपस्थित थे। आज विधायक दलों की बैठक होनी है। वहीं राहुल गांधी भी रात को सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पहुंचे। 

कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने कहा, 'बैठक में उपस्थित सभी मंत्रियों ने (सीएम कमलनाथ को) अपने इस्तीफे सौंप दिए हैं। हमने उनसे राज्य मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करने और बीजेपी द्वारा बनाई गई स्थिति से निपटने का अनुरोध किया है। सरकार बची हुई है, पूरे 5 साल चलेगी।'

वहीं उमंग सिंघार ने कहा, 'यहां आने वाले सभी 20 मंत्रियों ने अपना इस्तीफा दे दिया है। सीएम अब राज्य मंत्रिमंडल का पुनर्गठन कर सकते हैं। सभी साथ हैं। सिंधिया जीभी कांग्रेस के साथ हैं। अगर मंत्रिमंडल बनाना है तो तो सरकार सुरक्षित है।'
 

विधायकों के 'लापता' होते देख कांग्रेस आला कमान की माथे पर बल पड़ने लगा है। अपनी सरकार पर संकट के बादल मंडराता देख मुख्यमंत्री कमलनाथ सोमवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने के लिए दिल्ली पहुंचे थे। कमलनाथ की सोनिया गांधी के साथ शाम छह बजे होनी थी लेकिन तेजी से बदल रहे घटनाक्रमों को देखते हुए सोनिया के साथ उनकी बैठक 15 मिनट के लिए कराई गई और इसके बाद उन्हें तुरंत भोपाल जाने के लिए कहा गया। 

टाइम्स नाउ को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के छह मंत्री और 11 विधायक भाजपा के साथ जाने के लिए तैयार हैं। मंत्रियों में तुलसी सिलावट, गोविन्द सिंह राजपूत, प्रधुम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, प्रभुराम चोधरी, महेन्द्र सिसोदिया और विधायकों में मुन्ना लाल गोयल, गिरिराज दंडोतिया, ओपी भदोरिया, विरजेंद्र यादव, जसपाल जजजी, कमलेश जाटव, राजवर्धन सिंह, रघुराज कंसना, सुरेश धाकड़, हरदीप डंग और रक्षा सिरोनिया जसवंत पाला बदलने के लिए तैयार हैं।

सूत्रों के मुताबिक एक चार्टर्ड विमान से सिंधिया गुट के पुरुषोत्तम पराशर सहित 10 विधायक दिल्ली से बेंगलुरु के लिए रवाना हुए हैं। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा कमलनाथ सरकार को अस्थिर करना और उसे गिराना चाहती है लेकिन उसके सभी विधायक सुरक्षित हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह भी यह दावा कर चुके हैं कि भाजपा कमलनाथ सरकार को गिराने के लिए विधायकों पर डोरे डाल रही है और उन्हें भारी-भरकम रकम की पेशकश की जा रही है। कांग्रेस के विधायकों में भी इन दिनों असंतोष खुलकर सामने आया है। 

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