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कांग्रेस का फेसबुक पर बड़ा आरोप, कहा-बीजेपी से सांठगांठ करके फेसबुक फैला रहा देश में नफरत जुकरबर्ग को लिखा लेटर

गौरव श्रीवास्तव | कॉरेस्पोंडेंट
Updated Nov 12, 2021 | 23:15 IST

कांग्रेस ने फेसबुक पर बड़ा आरोप लगाया है उसका कहना है कि फेसबुक की बीजेपी की सरकार के साथ सांठगांठ है जिससे वो ऐसा करके देश में नफरत फैला रहा है।

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कांग्रेस ने फेसबुक की आंतरिक रिपोर्ट के आधार पर तीन अहम मुद्दे रखे (फोटो साभार- AICC)

फेसबुक पर देश मे नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने कहा है कि फेसबुक की बीजेपी की सरकार के साथ सांठगांठ है। कांग्रेस के सोशल मीडिया हेड रोहन गुप्ता ने फेसबुक को घेरते हुए कहा कि जिस वक्त फेसबुक पर भड़काऊ कंटेंट, फर्जी खबरें फैल रही थीं उसी समय फेसबुक ने अपनी ही 'आंतरिक रिपोर्ट' को न सिर्फ नजरअंदाज किया बल्कि इस पर लगाम कसने वाली टीम भी कम कर दी। 

मीडिया से बात करते हुए रोहन ने कहा, 'भारत मे 37 करोड़ लोग फेसबुक पर हैं लेकिन फेसबुक का रवैया एकतरफा है और नफरत फैलाने के लिए भाजपा फेसबुक का सहारा ले रही है, बीजेपी फेसबुक का फायदा उठाकर हमारे नेताओं के बारे में, गांधी नेहरू,सरदार पटेल जी, नेताजी और भगत सिंह जी के बारे में अंधाधुंध झूठ फैला रही है।

कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस फेसबुक की आंतरिक रिपोर्ट के आधार पर 3 महत्वपूर्ण मुद्दे रखे-

1. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक के स्टाफ भारत में फेसबुक के जरिए नफरत और झूठी खबरों वाले कंटेंट का मुद्दा उठाते हैं तो फेसबुक के इसे बड़ा मामला नहीं मानते हैं। 
2. फेसबुक के नज़रंदाज़ करने का असर ये हुआ कि फेसबुक पर भड़काऊ कंटेंट और झूठी खबरों की बाढ़ आ गई।
3. फेसबुक की ही रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि 2019 के लोकसभा चुनाव का चुनाव जीतने के लिए बीजेपी-आरएसएस ने बड़े स्तर पर फर्जी सूचनाएं फैलाई और फेसबुक ने इसे रोकने की कोशिश नहीं की बल्कि फेसबुक ने भड़काऊ और फर्जी पोस्ट पर लगाम लगाने वाली टीम में कटौती कर दी। 

क्या लिखा है ज़ुकरबर्ग को लिखे पत्र में?

कांग्रेस सोशल मीडिया के हेड रोहन गुप्ता ने फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग को पत्र लिखकर मांग कि है फेसबुक ने मौजूदा सत्ता की तरफ एकतरफा झुकाव दिखाते हुए हेट स्पीच, अफवाह, गलत जानकारी और भड़काऊ कमेंट को अपने प्लेटफॉर्म पर बढ़ावा दिया, पिछले 2 सालों में इस बात के हज़ारों सबूत है कि इस तरह के आपत्तिजनक कंटेंट को रोकने की कोशिश नहीं की गई है।

न सिर्फ फेसबुक के कर्मचारियों ने बल्कि 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' भी इस शेयर, पोस्ट होने वाले आपत्तिजनक कंटेंट को डिटेक्ट करने में सक्षम नहीं है यही नहीं फेसबुक ने घृणा फैलाने वाले कंटेंट की समीक्षा करने का बजट भी कम कर दिया और उसी दौरान फेसबुक पर घृणा वाला कंटेंट बढ़ा।

37 करोड़ फेसबुक यूजर वाले देश में आपकी कम्पनी अपने हितों के लिए यहां के लोगों की जिंदगी और सुरक्षा से खिलवाड़ कर रही है हमारी मांग है कि भारत मे फेसबुक के काम करने के तरीके की आंतरिक जांच हो और उसकी रिपोर्ट के बारे में लोगों को भी बताया जाए।

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