नई दिल्ली: कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने सरकार के आर्थिक पैकेज पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकारी पैकेज केवल 3.22 लाख करोड़ रुपए के बराबर है जो जीडीपी का महज 1.6 फीसदी है, यह 20 लाख करोड़ रुपए नहीं है, जैसी की प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि मैं वित्त मंत्री की बात पर सवाल खड़ा कर रहा हूं, प्रधानमंत्री की बात से इत्तेफाक नहीं रखता और सरकार को चुनौती दे रहा हूं कि आंकड़ों के मामले में मुझे गलत साबित करके दिखाए, मैं वित्त मंत्री से बहस के लिए तैयार हूं।
शर्मा ने कहा, 'वित्त मंत्री की आज 5वीं प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद ये तो स्पष्ट है कि सरकार के पास अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोई सोच नहीं है। इन घोषणाओं का गरीब, किसान, मजदूर, MSMEs से कोई ताल्लुक नहीं है। इनको अभी राहत की जरूरत है। ये सब भारत के नागरिक हैं, ये दया के मोहताज नहीं हैं। प्रधानमंत्री जी ने 20 लाख करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज की जो घोषणा की थी, उसका हमने स्वागत किया था। लेकिन, कर्ज की जो घोषणाएं वित्त मंत्री ने की है, उनको प्रोत्साहन पैकेज नहीं कह सकते।'
'प्रवासी मजदूरों के लिए बेहतर व्यवस्था नहीं की गई'
उन्होंने कहा कि संक्रमण के दौरान करोड़ों लोगों का रोजगार खत्म हो गया। फैक्ट्रियां बंद हो गईं। सरकार को कर्जे से इतर MSMEs को आर्थिक सहायता देने थी, ताकि वो कर्मचारियों को वेतन दे पाते। 8 करोड़ से ज्यादा प्रवासी मजदूर अभी भी रास्ते में फंसे हुए हैं। वो अपने घर नहीं पहुंच पाए हैं। वित्त मंत्री ने प्रवासी मजदूरों को राशन देने की बात कही, ये कोई अहसान नहीं है, बल्कि उन मजदूरों का अधिकार है। प्रवासी मजदूरों के लिए अभी भी बेहतर व्यवस्था नहीं की गई है। हमें इससे सबक लेना चाहिए। सरकार को देखना चाहिए कि कमी कहां रह गई?
'कांग्रेस कर्त्तव्य का पालन कर रही है'
कांग्रेस नेता ने कहा कि जब तक गरीबों-मजदूरों के हाथ में सीधे पैसा नहीं जाएगा, हम उसे किसी भी तरह का प्रोत्साहन मानने को तैयार नहीं हैं। पीएम-किसान का पैसा प्रोत्साहन पैकेज का हिस्सा नहीं है, वो चुनाव पहले की घोषणा है। उन्होंने ने कहा, 'हम वित्त मंत्री से गंभीरता की उम्मीद करते हैं। उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ जो कुछ कहा है वह ओछापन है। वित्त मंत्री को जवाब देना चाहिए, न कि सवाल करना चाहिए, योजना के अभाव में सड़कों पर चलने को मजबूर हुए प्रवासियों की दुर्दशा पर सरकार को जवाब देना होगा। कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी जी ने लगतार कांग्रेस शासित मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखें हैं, उनके साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की है। हम लगातार अपने कर्त्तव्य का पालन कर रहे हैं।'