नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में दिल्ली में उन प्रवासी मजदूरों से बात की थी जो कि सड़कों पर पैदल चल अपने-अपने घरों की ओर जा रहे थे। राहुल गांधी उन्हीं मजदूरों की कहानी बता रहे हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'कुछ दिन पहले, इन मजदूर भाई-बहनों से भेंट हुई जो हरियाणा से सैकड़ों किमी दूर यूपी के झांसी में अपने गांव पैदल ही जा रहे थे। आज सुबह 9 बजे इनके धैर्य, दृढ़ संकल्प और आत्मनिर्भरता की अविश्वसनीय कहानी मेरे YouTube चैनल पर देखिए।'
वीडियो में देखा जा सकता है कि राहुल गांधी इन मजदूरों से पूछते हैं कि आप कहां से चलते हुए आ रहे है? और कहां जा रहे हैं? क्या आपके पास पैसे हैं? क्या आपको पता था कि लॉकडाउन होने वाला है? इसके बाद सभी मजदूर राहुल के सामने अपना दुख दर्द बयां करते हैं। वो कहते हैं कि हमारे पास पैसे नहीं हैं। हमें अब अपने घर जाना है। हम वापस भी नहीं आएंगे।
राहुल ने 16 मई को दिल्ली के सुखदेव विहार फ्लाईओवर पर पैदल जा रहे प्रवासी मजदूरों से बातचीत की थी। इसके बाद वाहनों की व्यवस्था कर इन मजदूरों को घर पहुंचाया गया था। एक मजदूर मोनू ने कहा था, 'हम हरियाणा से आ रहे हैं और झांसी जाना है।' अन्य प्रवासी मजदूर देवेंद्र ने कहा कि राहुल गांधी आए और हमसे मिले। उन्होंने हमारे लिए वाहन बुक किया और कहा कि वह हमें हमारे घरों तक छोड़ देगा। उन्होंने हमें भोजन, पानी और मास्क दिया।'
'राहुल गांधी ने की ड्रामेबाजी'
राहुल गांधी की प्रवासी मजदूरों से इस मुलाकात पर वित्त मंत्री ने निर्मला सीतारमण ने निशाना साधा था। उन्होंने राहुल गांधी की मुलाकात को ड्रामेबाजी करार दिया था। वित्त मंत्री ने कहा कि राहुल ने प्रवासी मजदूरों से रास्ते पर चलते हुए बातचीत की, यह ड्रामेबाजी नहीं तो क्या है। वह अपनी राज्य सरकारों को क्यों नहीं बोलते हैं कि केंद्र सरकार से और ज्यादा ट्रेनें मंगवाओ। उनमें प्रवासी को मजदूरों को बैठाओ। वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमें हर दिन ड्रामेजाब बोलती है। मैं अभी उनके शब्दों को उपयोग करना चाहती हूं। उन्होंने मजदूरों से रास्ते पर चलते हुए, उनके बगल में बैठकर बातचीत की, वो समय है क्या? वो ड्रामेबाज नहीं है क्या।