Maharashtra News : महाराष्ट्र में हाल ही में एक सियासी गहमागहमी का अंत हुआ। एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना के बागी विधायकों ने तख्ता पलट कर दिया। शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की महाविकास अघाड़ी की सरकार को 2.5 साल के बाद ही सत्ता से बेदखल होना पड़ गया। इसमें अगर सबसे अधिक नुकसान किसी का हुआ है तो वह है कांग्रेस पार्टी। सत्ता हाथ से जाने से पहले एमएलसी चुनाव में भी बड़ा झटका लगा था। इस चुनाव में देश की सबसे पुरानी पार्टी की दूसरी वरीयता वाले उम्मीदवार चुनाव जीत जाते हैं और पहली वरीयता को हार का सामना करना पड़ता है। हैरान कर देने वाले इस रिजल्ट से कांग्रेस आलाकमान भी काफी नाराज है।
बुधवार देर शाम सोनिया गांधी से मिले हंडोरे
आपको बता दें कि एमएलसी चुनाव में कांग्रेस के भाई जगपात चुनाव जीतने में सफल रहते हैं, जिन्हें दूसरी वरीयता के वोट मिले थे। नहीं, पहली वरीयता वाले उम्मीदवार चंद्रकांत को हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के हमारे सूत्र बताते हैं कि चंद्रकांत हंडोरे की बुधवार देर शाम कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी से मुलाकात हुई। इतना ही नहीं, महाराष्ट्र के कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को भी दिल्ली तलब किया गया है। सूत्र ने यह भी बताया है कि क्रॉस वोटिंग में शामिल विधायकों के खिलाफ पार्टी कड़ी कार्रवाई के मूड में दिख रही है।
एमएलसी चुनाव में कांग्रेस के थे 2 प्रत्याशी
बताते चलें कि एमएलसी चुनाव में महाराष्ट्र में कांग्रेस ने दो प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था। चंद्रकांत हंडोरे दलित समुदाय से आते हैं। वहीं, मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप को भी उम्मीदवार बनाया गया था। पार्टी ने तय किया कि चंद्रकांत पहली वरीयता और जगताप दूसरी वरीयता के वोट वाले कैंडिडेट होंगे। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि चंद्रकांत की हार पर अगर आलाकमान कोई कार्रवाई नहीं करता है तो इसका दलितों के बीच में गलत संदेश जाएगा।
बात एमएलसी चुनाव तक ही सीमित नहीं रुकी। फ्लोर टेस्ट के दौरान भी कांग्रेस के 10 विधायक सदन से गैरहाजिर थे। कांग्रेस नेतृत्व ने इस मामले पर भी एक रिपोर्ट मांगी है। आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में कांग्रेस के कुल 44 विधायक हैं।