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अक्टूबर 2022 में कांग्रेस को मिलेगा नया अध्यक्ष, CWC बैठक में सोनिया गांधी के तेवर अलग ही थे

Updated Oct 16, 2021 | 15:56 IST

कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में सोनिया गांधी के भाषण में इमोशन भी था तो अनुशासन भी, सीख के साथ लताड़ भी। इन सबके बीच ऐलान हुआ कि वैसे तो वो पूर्णकालिक अध्यक्ष हैं, लेकिन नया चेहरा अगले साल अक्टूबर तक मिल जाएगा।

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अक्टूबर 2022 में कांग्रेस को मिलेगा नया अध्यक्ष, CWC बैठक में सोनिया गांधी के तेवर अलग ही थे
मुख्य बातें
  • कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में सोनिया गांधी ने असंतुष्ट खेमे को नसीहत दी
  • कांग्रेस का अगला अध्यक्ष अगले साल 2022 तक मिलेगा
  • सोनिया गांधी ने मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार को सभी मोर्चों पर नाकाम बताया

कांग्रेस का नया अध्यक्ष अक्टूबर 2022 में मिल जाएगा। पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन होगा इसकी प्रक्रिया एक नवंबर 2021 से शुरू होगी। इन सबके बीच कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि वो ही पूर्णकालिक अध्यक्ष हैं तो इशारा और निशाना साफ था कि वो किसके लिए बात कर रही हैं। कांग्रेस में इस समय कुछ वरिष्ठ नेता पार्टी के पुनर्गठन की ना सिर्फ बात करते हैं बल्कि उसे अमल में लाए जाने की जरूरत बताते हैं और उन नेताओें के समूह को आम बोलचाल में जी-23 का नाम दिया गया है।

इशारों इशारों में जी-23 को संदेश
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी ने तमाम मुद्दों को उठाते हुए कहा कि असंतोष के बीच हमें देखना होगा कि क्या हम पार्टी का किसी ना किसी रूप में नुकसान तो नहीं कर रहे हैं। अपने बयानों के जरिए वो जी-23 के नेताओं को नसीहत देने के साथ साथ उन लोगों को भी संदेश दे रही थीं जिनकी वजह से पार्टी को गाहे बेगाहे फजीहत उठानी पड़ती है।

सीडब्ल्यूसी बैठक की खास बातें

  1. हाल ही में, लखीमपुर-खीरी की भयावह घटना ने भाजपाई मानसिकता को उजागार किया है कि वो किसान आंदोलन को कैसे देखती है, किसानों द्वारा अपने जीवन और आजीविका की रक्षा के लिए इस दृढ़ संघर्ष से कैसे निपटती है।
  2. सार्वजनिक क्षेत्र के न केवल सामरिक और आर्थिक उद्देश्य रहे हैं बल्कि इसके सामाजिक लक्ष्य भी हैं। लेकिन ये सब मोदी सरकार के बेचो, बेचो, बेचो के सिंगल-पॉइंट एजेंडे के चलते ख़तरे में है।
  3. सहकारी संघवाद केवल एक नारा बनकर रह गया है और केंद्र गैर-भाजपाई शासित राज्यों को नुकसान में रखने का कोई मौका नहीं छोड़ती है।
  4. हाल ही के दिनों में, जम्मू-कश्मीर में हत्याओं के मामलों में अचानक उछाल आया है। अल्पसंख्यकों को स्पष्ट रूप से निशाना बनाया गया है। इसकी कड़ी से कड़ी निंदा की जानी चाहिए।
  5. प्रधानमंत्री ने पिछले साल विपक्ष को बताया था कि चीन ने हमारे क्षेत्र पर कोई कब्जा नहीं किया है और तब से उनकी चुप्पी हमारे देश को महंगी पड़ रही है।
  6. विदेश नीति चुनावी संचालन और ध्रुवीकरण का एक द्वेषपूर्ण जरिया बन गई है। हम अपनी सीमाओं और अन्य मोर्चों पर गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
  7. इस बात में कहीं कोई शक नहीं है कि हमारे सामने कई चुनौतियां हैं लेकिन अगर हम एकजुट हैं, अनुशासित हैं और केवल पार्टी के हितों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो मुझे विश्वास है कि परिणाम बहुत अच्छे आएंगे।

अंबिका सोनी का खास बयान
अंबिका सोनिक ने कहा कि जी-23 का जिक्र तक नहीं था। वे बैठक में मौजूद थे। कांग्रेस गुटों में बंटी नहीं है, हम एक हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सभी नेता सर्वसम्मति से चाहते हैं कि राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष बनें। प्रक्रिया (चुनाव के लिए) सितंबर (2022) में शुरू होगी । सभी ने एकमत से सहमति व्यक्त की, कि वह (राहुल गांधी) (पार्टी अध्यक्ष) बनेंगे या नहीं, यह उन पर निर्भर है। सभी की राय है कि राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनना चाहिए।
क्या कहते हैं जानकार
अब यह तो तय है कि कांग्रेस की कमान संभालने वाले उस शख्स का नाम क्या होगा इसके लिए अगले साल इसी अक्टूबर महीने का इंतजार करना होगा। लेकिन सवाल यह है कि अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया में इतना लंबा समय क्यों लिया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि दरअसल इसके पीछे पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव हैं। आमतौर पर राजनीतिक हल्कों में चर्चा है कि कांग्रेस की कमान कोई ना कोई शख्स गांधी परिवार से ही होगा। ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले अध्यक्ष पद पर वो शख्स आसीन होता है और चुनावों में पराजय का सामना करना पड़ता है तो फिर गलत संदेश जाएगा। 

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