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ठेकेदार संतोष पाटिल खुदकुशी मामला: कर्नाटक के मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने दिया इस्तीफा

Updated Apr 15, 2022 | 23:34 IST

ठेकेदार संतोष पाटिल की खुदकुशी मामले को लेकर कर्नाटक के मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को अपना इस्तीफा सौंपा दिया।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
कर्नाटक के मंत्री केएस ईश्वरप्पा का इस्तीफा
मुख्य बातें
  • संतोष पाटिल ने मंत्री के खिलाफ रिश्वत मांगने के आरोप लगाए थे।
  • केएस ईश्वरप्पा के खिलाफ खुशकुशी के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
  • ठेकेदार संतोष के पाटिल उडुपी के एक लॉज में संदिग्ध अवस्था में मृत पाए गए थे।

ठेकेदार संतोष पाटिल की कथित आत्महत्या को लेकर उठे विवाद के बीच कर्नाटक के मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को अपना इस्तीफा सौंपा। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को अपना इस्तीफा सौंपते समय कर्नाटक के मंत्री केएस ईश्वरप्पा के साथ राज्य के मंत्री बिरती बसवराज, एमटीबी नागराज, अरागा ज्ञानेंद्र, विधायक रमेश जारकीहोली मौजूद थे। मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि मैंने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। और आगे की प्रक्रिया के लिए। मैं राज्यपाल को पत्र भेज रहा हूं।

कर्नाटक के मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने इस्तीफे बाद कहा कि मैंने सीएम से आग्रह किया कि ठेकेदार संतोष पाटिल के कथित आत्महत्या मामले की जांच कराई जाए। यह सामने आना चाहिए कि यह हत्या या आत्महत्या का मामला है। पिछले 4 दिनों से मैं अपने वरिष्ठों से मेरा इस्तीफा स्वीकार करने के लिए कह रहा हूं, आज उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया। साथ ही उन्होंने कहा कि इस सब के पीछे एक साजिश है।

गौर हो कि दो दिन पहले कर्नाटक में एक ठेकेदार की मौत को लेकर प्रदेश के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रहे केएस ईश्वरप्पा के खिलाफ खुशकुशी के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ईश्वरप्पा को इस मामले में प्रथम आरोपी बनाया गया है। ठेकेदार संतोष के पाटिल (37) उडुपी के एक लॉज में संदिग्ध अवस्था में मृत पाए गए थे।

संतोष पाटिल ने मंत्री के खिलाफ रिश्वत मांगने के आरोप लगाए थे। प्रशांत की ओर से दर्ज एफआईआर में, ईश्वरप्पा और उनके दो स्टाफ सदस्यों - रमेश और बसवराज को आरोपी बनाया गया है। पुलिस को दी गई थी कि शिकायत में प्रशांत पाटिल ने कहा कि वर्ष 2020-21 में हिंडालगा गांव के निवासियों ने राज्य की राजधानी में ईश्वरप्पा से मुलाकात कर उनसे अनुरोध किया था कि वह पानी की निकासी के लिए नाला, सड़कों और फुटपाथ का निर्माण कराएं। प्रशांत पाटिल ने कहा कि ईश्वरप्पा ने बजट की चिंता किए बिना इस काम की अनुमति दे दी और ठेकेदार संतोष पाटिल को इस काम का ठेका दिया गया था।

शिकायत में संतोष पाटिल के भाई प्रशांत पाटिल ने बताया था कि परियोजना में 4 करोड़ रुपए का निवेश किया था और उसका बिल अब तक लंबित है। उन्होंने कहा कि संतोष कई बार मंत्री ईश्वरप्पा से मिले थे और उनसे बिल को मंजूरी देकर धनराशि जारी करने का अनुरोध किया था लेकिन ईश्वरप्पा के करीबी कर्मी बसवराज और रमेश उनसे 40 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे थे।
 

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