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चर्चा के लिए धर्मांतरण बिल कर्नाटक विधानपरिषद में पेश, बीजेपी को पारित होने की उम्मीद

Updated Sep 15, 2022 | 13:21 IST

कर्नाटक विधान परिषद में एंटी कंवर्जन बिल पर बहस जारी है।

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धर्मांतरण बिल पर कर्नाटक विधानपरिषद में बहस
मुख्य बातें
  • कर्नाटक में धर्मांतरण के खिलाफ अध्यादेश पहले से जारी
  • कर्नाटक विधानसभा से एंटी कंवर्जन बिल पहले से पारित
  • अब विधानपरिषद में चर्चा

कर्नाटक में धर्मांतरण के खिलाफ पहले से अध्यादेश लागू है। बता दें कि उपरी सदन में इस बिल को चर्चा के लिए पेश किया गया है, जबकि विधानसभा से यह पहले ही पारित हो चुका है। विधानपरिषद में अब बीजेपी की संख्या ज्यादा है लिहाजा यह बिल ऊपरी सदन से भी पारित हो जाएगा।  दिसंबर 2021 में कर्नाटक धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का संरक्षण विधेयक जो जबरन धर्मांतरण को प्रतिबंधित करता है कर्नाटक विधान सभा द्वारा अपनाया गया था।

विरोध में कांग्रेस
कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष इस बिल का विरोध कर सकता है। हालांकि, यह देखते हुए कि भाजपा उच्च सदन में बहुमत में है, इसके पारित होने की संभावना है। धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का संरक्षण विधेयक, 2021, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करेगा और गलत बयानी, बल, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी भी कपटपूर्ण तरीके से एक धर्म से दूसरे धर्म में गैरकानूनी धर्मांतरण पर रोक लगाएगा।

जबरन धर्म परिवर्तन के लिए 10 साल सजा का प्रावधान
 इस बिल में जबरन धर्म परिवर्तन के लिए 10 साल तक के कारावास का प्रस्ताव है। और जबरन धर्मांतरण को गैर-जमानती अपराध बनाता है। जबरदस्ती, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी भी कपटपूर्ण तरीके से या किसी अन्य माध्यम से या शादी के वादे से, न ही कोई व्यक्ति इस तरह के धर्मांतरण के लिए उकसाएगा या साजिश नहीं करेगा।

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