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Corona:IMA का आरोप लॉकडाउन के हमारे प्रस्ताव को केंद्र ने कूड़ेदान में फेंका,हेल्थ मंत्रालय से कहा-अब तो जागिए

Updated May 09, 2021 | 07:32 IST

IMA on Corona Crisis:डॉक्टरों की शीर्ष संस्था आईएमए (IMA) ने  कोरोना के बिगड़ते हालातों को लेकर सरकार को घेरा है। और देश में बेकाबू हालात के लिए उसने केंद्र को जिम्मेदार बताया है। 

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देश में जारी कोरोना संकट को लेकर आईएमए ने सरकार को घेरा है
मुख्य बातें
  • आईएमए का आरोप- जो भी फैसले लिए जा रहे हैं, उनका जमीनी स्तर से कोई लेना-देना नहीं है
  • आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्रालय आवश्यक रोडमैप बनाने और वैक्सीन स्टॉक सुनिश्चित करने में विफल रहा
  • आईएमए ने कहा केंद्र सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय नींद से जागें,आ रही चुनौतियों का सामना करें

नई दिल्ली: भारतीय चिकित्सा संघ, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने शनिवार को जारी एक बयान में कोरोना वायरस की स्थिति से निपटने के लिए सही कदम ना उठाने को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की है और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का समर्थन किया है।

आईएमए ने कहा कि यह देखने आया है कि आईएमए और अन्य योग्य पेशेवर सहयोगियों द्वारा सामूहिक चेतना की अपील, सक्रिय संज्ञान और अनुरोधों को 'कूड़ेदान' में डाल दिया जाता है और फैसले 'जमीनी हकीकत को समझे बिना' लिए जाते हैं।

बयान में कहा कि 'आईएमए कोविड-19 महामारी की विनाशकारी दूसरी लहर से पैदा हुए संकट से निपटने में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बेहद सुस्त और अनुपयुक्त तरीक़ों को देखकर हैरान है।'

आईएमए ने कहा कि केंद्र सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय नींद से जागें, कोरोना संकट में आ रही चुनौतियों का सामना करें। 

आईएमए द्वारा 6 अप्रैल से वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए न्यायसंगत, सुलभ और सस्ते टीकाकरण की मांग की गई थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश को लगातार आश्वस्त किए जाने के बाद टीकाकरण अभियान 1 मई से शुरू किया गया।

महामारी को लेकर जो भी फैसले लिए जा रहे हैं, उनका जमीनी स्तर से कोई लेना-देना नहीं

आईएमए ने आरोप लगाया कि कोरोना महामारी को लेकर जो भी फैसले लिए जा रहे हैं, उनका जमीनी स्तर से कोई लेना-देना नहीं है। केंद्र के अधिकारी जमीनी हकीकत को समझने को तैयार नहीं है।

वह पिछले 20 दिनों से लगातार केंद्र सरकार को योजनाबद्ध तरीके से पहले से घोषणा करके पूर्ण लॉकडाउन लगाने की गुजारिश कर रही है।  आईएमए ने कहा, लॉकडाउन विनाशकारी फैलाव की श्रृंखला को तोड़ देगा, हालांकि, यह भी कहा गया कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को लागू करने से इनकार कर दिया।

स्वास्थ्य मंत्रालय आवश्यक रोडमैप बनाने और वैक्सीन स्टॉक सुनिश्चित करने में विफल

आईएमए ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है, मंत्रालय आवश्यक रोडमैप बनाने और वैक्सीन स्टॉक सुनिश्चित करने में विफल रहा है, जिसके परिणामस्वरूप 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण नहीं हो सका है, डॉक्टरों के संगठन ने कहा, जब प्रधानमंत्री की अधिसूचना को स्पष्ट रूप से लागू नहीं किया जाता है, तो किसे दोषी ठहराया जाए?

गौर हो कि पिछले तीन दिनों से देश में रोज 4 लाख से ज्यादा नए केस आ रहे हैं, शनिवार को रिकॉर्ड 4100 से ज्यादा मौतें हुई हैं। 

आईएमए ने कहा- पिछले 20 दिनों में, भले ही कुछ राज्यों द्वारा 10 से 15 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा की गई है, मगर एसोसिएशन इसके बजाय सुनियोजित, पूर्व-घोषित पूर्ण रूप से राष्ट्रीय लॉकडाउन लगाने की जरूरत पर जोर दे रही है।

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