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कोरोना वायरस : जानिए घंटियां और तालियां बजाने का वैज्ञानिक महत्व

Updated Mar 22, 2020 | 16:57 IST

देश भर में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इससे निपटने के लिए पीएम मोदी ने 22 मार्च को घंटी और तालियां बजाने के लिए कहा। जानिए इसके वैज्ञानिक महत्व क्या हैं।

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पीएम ने लोगों से की थी जनता कर्फ्यू लगाने की अपील

नई दिल्ली : हमारे देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इससे चिंतित होकर पीएम नरेंद्र मोदी ने इसके खिलाफ लड़ाई को सफल बनाने के लिए लोगों से रविवार को 'जनता कर्फ्यू' लगाने की अपील की थी। लोगों ने पीएम की अपील को स्वीकार किया और देशभर की सड़कें सूनी हो गईं। पीएम ने आज सुबह टि्वटर पर लिखा कि जनता कर्फ्यू शुरू हो रहा है। मेरी विनती है कि सभी नागरिक इस देशव्यापी अभियान का हिस्सा बनें और कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को सफल बनाएं। हमारा संयम और संकल्प इस महामारी को परास्त करके रहेगा। पीएम ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सामाजिक दूरी बनाने के तहत आज को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक 'जनता कर्फ्यू' का प्रस्ताव रखा।

साथ ही पीएम मोदी ने गुरुवार को देशवासियों को संबोधित करते हुए 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दौरान शाम 5 बजे घरों के दरवाजे, खिड़कियों और बालकनियों पर आकर घंटे, तालियां बजाने की अपील की। पीएम की यह अपील देशभर में लोग एक से दूसरे तक पहुंचा रहे हैं। पीएम ने यह अपील उन लोगों के सम्‍मान में की है जो कोरोना वायरस से जंग में लगातार अपना योगदान दे रहे हैं। लेकिन पीएम की यह अपील का वैज्ञानिक कारण भी है।

बेहद खास दिन है 22 मार्च 
जागरण डॉट कॉम ने उज्‍जैन स्थित धर्म विज्ञान शोध संस्‍थान के डायरेक्टर डॉ जे जोशी के हवाले से लिखा है कि घंटी और तालियों की ध्‍वनि से होने वाले प्रभाव के बारे में जानकारी दी। डॉ जे जोशी ने बताया कि ध्‍वनि की फ्रीक्‍वेंसी कोरोना का साफ कर सकती है। विशेषकर शतभिषा नक्षत्र में लगातार यदि घंटा बजाया जाए तो उसकी ध्‍वनि जहरीले बैक्‍टीरिया, वायरस को खत्म कर देती है। शतभिषा नक्षत्र में हीलिंग पावर होती है। इसमें एक सुरक्षा चक्र बनाता है जो रक्षा करता है और  इम्यून पावर बढ़ाकर मजबूती प्रदान करता है। डॉ जे जोश के मुताबकि 22 मार्च, रविवार ये आम दिन नहीं है। इस दिन तीन महत्‍वपूर्ण योग बन रहे हैं। जिनमें असरकारक शतभिष नक्षत्र, राक्षस योग और शिवरात्रि है। इस दिन घरों में रहकर लोग ईश्‍वर आराधना के साथ तालियां और घंटे बजाते हैं तो वो ध्‍वनि चमत्‍कार का काम करती है। ध्‍वनि की तरंगे आसपास के हर बैक्टिरिया को खत्‍म करती हैं।

घंटी बजाने खत्म होते हैं बैक्‍टीरिया, वायरस
डॉ जे जोशी ने बताया कि जब घंटी बजाई जाती है तो वातावरण में कंपन पैदा होता है और वह काफी दूर तक जाता है। इस कंपन का फायदा यह है कि इसके इलाके में आने वाले सभी बैक्‍टीरिया, वायरस और बेहद सूक्ष्म जीव आदि नष्ट हो जाते हैं और आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है। यही वजह है कि जहां भी घंटी बजने की आवाज नियमित आती रहती है, वहां का वातावरण हमेशा शुद्ध और पवित्र बना रहता है। इसी वजह से लोग अपने दरवाजों और खि‍ड़कियों पर भी हवा से बजने वाली घंटी लगवाते हैं, ताकि उसकी ध्वनि से निगेटिव एनर्जियां खत्म होती रहें। निगेटिविटी हटने से स्‍वास्‍थ्‍य और समृद्धि के रास्ते खुलते हैं। 

भारत में अब तक 315 मामले
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 60 से अधिक नए मामले सामने आने के साथ इसकी संख्या बढ़ कर 315 हो गई। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 63 मामले सामने आए हैं जिसमें तीन विदेशी हैं। केरल में 40 मामले सामने आए हैं जिसमें 7 विदेशी नागरिक शामिल हैं। दिल्ली में 26 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं जिसमें एक विदेशी नागरिक है जबकि उत्तरप्रदेश में एक विदेशी सहित 24 मामले सामने आए हैं। तेलंगाना में 21 मामले सामने आए हैं जिसमें 11 विदेशी नागरिक हैं। राजस्थान में दो विदेशियों सहित 17 मामले दर्ज किए गए हैं। हरियाणा में 14 विदेशियों सहित 17 मामले सामने आए हैं।
 

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