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डेल्टा वैरिएंट से भी घातक है कोरोना वायरस का नया B.1.1.529 वैरिएंट, जानिये इससे जुड़ी 5 अहम बातें

Updated Nov 26, 2021 | 21:33 IST

Coronavirus new variant: कोरोना वायरस के नए B.1.1.529 वैरिएंट ने दुनियाभर में चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञ इसे डेल्‍टा वैरिएंट से भी घातक और संक्रामक बता रहे हैं। भारत सहित कई देशों में इसे लेकर एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। यहां जानें कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट के बारे में पांच अहम बातें:

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
डेल्टा वैरिएंट से भी घातक है कोरोना वायरस का नया B.1.1.529 वैरिएंट, जानिये इससे जुड़ी 5 अहम बातें

नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी से निजात पाने की तमाम कोशिशों के बीच एक बार फिर दुनिया में इसका नया वैरिएंट सामने आया है, जिसने पूरी दुनिया में इस संक्रामक रोग को लेकर चिंता बढ़ा दी है। जिस तरह से एक सप्‍ताह के भीतर इस वायरस का तेजी से प्रसार हुआ है, उसे देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि यह डेल्‍टा वैरिएंट से भी अधिक खतरनाक है और अधिक तेजी से फैल सकता है। वहीं यह वैक्‍सीन को भी चकमा दे सकता है। यानी वैक्‍सीन इस पर बेअसर हो सकते हैं, क्‍योंकि कई ऐसे लोगों में भी इसका संक्रमण देखा गया है, जिन्‍होंने वैक्‍सीन की पूरी डोज ली हुई थी।

कोरोना वायरस का यह नया वैरिएंट B.1.1.529 है, जिसे 'बोत्सवाना वेरिएंट' भी कहा जा रहा है। इसके 100 से अधिक मामले दक्षिण अफ्रीका में सामने आ चुके हैं, जबकि बोत्‍सवाना, हॉन्‍कॉन्‍ग और इजरायल में भी इसके मामले सामने आए हैं। ऐसे में जल्‍द ही अगर हालात पर काबू नहीं पाया गया तो यह अन्‍य देशों में भी फैल सकता है। कोरोना वायरस के इस संक्रामक वैरिएंट को देखते हुए ब्रिटेन, फ्रांस, इजरायल, इटली, सिंगापुर सहित कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका और इस क्षेत्र के अन्य देशों से यात्रा को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया है। भारत ने भी अलर्ट जारी किया है और दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना और हांगकांग से आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर कड़ी निगरानी व जांच के लिए कहा है। जानिये कोविड-19 के इस वैरिएंट के बारे में 5 खास बातें:

  1. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोना वायरस के नए 'B.1.1.529' वैरिएंट में कई म्‍यूटेशन हैं, जो इस बीमारी से प्रतिरक्षा और इसकी संक्रामकता की दृष्टि से चिंता का विषय हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह अब तक का सबसे भारी म्यूटेट वैरिएंट है, जिसका अर्थ है कि टीके इस पर बहुत प्रभावी नहीं भी हो सकते हैं।
  2. कोविड-19 का नया वैरिएंट B.1.1.529 अपने स्पाइक प्रोटीन में बड़ी संख्या में म्‍यूटेशन करता है, जो मानव शरीर की कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश में अहम भूमिका निभाता है। इसमें कुल 50 म्यूटेशन हैं, जिसमें अकेले स्पाइक प्रोटीन पर 30 से अधिक म्यूटेशन हैं।
  3. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि नए वैरिएंट के प्रभाव को समझने में कुछ सप्ताह लगेंगे। WHO ने B.1.1.529 पर चर्चा और यह तय करने के लिए बैठक बुलाई है।  WHO ने हालांकि कोविड से बचाव के लिए वैक्‍सीनेशन और मास्‍क पहनने सहित अन्‍य एहतियाती उपाय जारी रखने की बात कही है।
  4. कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट की इसी सप्‍ताह दक्षिण अफ्रीका में पहचान की गई, जो देखते ही देखते अन्‍य देशों में भी फैल गया। बोत्सवाना के साथ हॉन्‍गकॉन्‍ग और इजरायल में भी इसके मामले सामने आए हैं। इजरायल में मलावी से लौटे एक व्यक्ति में बड़ी संख्या में म्‍यूटेशन के साथ कोरोना का यह वैरिएंट पाया गया है।
  5. समझा जा रहा है कि यह HIV/AIDS से संक्रमित किसी मरीज में सामने आया, जिसका उपचार नहीं हो सका था और जिसकी वजह से उसकी इम्‍युनिटी बेहद कमजोर थी। ऐसे में कमजोर इम्‍युनिटी वाले लोगों को कोरोना वायरस के इस वैरिएंट से सर्वाधिक प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है।

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