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Covaxin: कोरोना वैक्सीन के एक कदम और करीब पहुंचा देश, भारत बायोटेक को तीसरे फेज के ट्रायल की अनुमति मिली

Updated Oct 23, 2020 | 00:27 IST

Covaxin coronavirus vaccine: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के सहयोग से देसी कोरोना वैक्सीन विकसित कर रही भारत बायोटेक को तीसरे चरण के ट्रायल की अनुमति मिल गई है।

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भारत बायोटेक तैयार कर रहा वैक्सीन
मुख्य बातें
  • देसी कोवाक्सिन का तीसरे चरण का ट्रायल अगले महीने शुरू होगा
  • द ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने फेज 3 ट्रायल की अनुमति दे दी है
  • इसके अलावा भारत में 2 और टीकों का ट्रायल चल रहा है

नई दिल्ली: कोरोना वायरस टीका हासिल करने की दौड़ में भारत एक कदम और आगे बढ़ गया है। दरअसल, द ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने गुरुवार को भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड को कोविड 19 वैक्सीन उम्मीदवार Covaxin के तीसरे चरण के परीक्षणों का संचालन करने की अनुमति दे दी है। हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता ने 2 अक्टूबर को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को आवेदन दिया था, जिसमें कोरोना के लिए तैयार की जा रही वैक्सीन के लिए फेज 3 ट्रायल्स का संचालन करने की अनुमति मांगी थी।

फर्म ने अपने आवेदन में कहा है कि इस अध्ययन में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के 28,500 लोगों को शामिल किया जाएगा और यह 10 राज्यों में पर आयोजित किया जाएगा, जिसमें दिल्ली, मुंबई, पटना और लखनऊ होंगे। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के सहयोग से भारत बायोटेक द्वारा कोरोना वायरस वैक्सीन कोवाक्सिन को तैयार किया जा रहा है। नवंबर के पहले सप्ताह से तीसरे चरण के ट्रायल शुरू हो जाएंगे। 

पिछले महीने कंपनी ने कहा था कोवाक्सिन ने बंदरों में वायरस के प्रति ऐंटीबॉडीज विकसित किए जिससे साफ हो गया कि यह वैक्सीन जीवित शरीर में भी कारगर है। देसी कोवाक्सिन के पहले चरण का ट्रायल 15 जुलाई से शुरू हुआ था और देश के विभिन्न 17 जगहों पर इसका ट्रायल हुआ था। हाल ही में पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि भारत में तीन टीके विकसित होने के उन्नत चरण में हैं, जिनमें से दो टीके दूसरे चरण में पहुंचे हैं, जबकि एक टीका तीसरे चरण में है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि अगले साल की शुरुआत तक कोविड-19 का टीका उपलब्ध हो सकता है।

वैक्सीन को DCGI ने गाइडलाइन भी जारी की थीं। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने अपनी नई गाइडलाइन में कहा है कि किसी भी कोरोना वैक्सीन के पास तीसरे फेस के ह्यूमन ट्रायल में कम से कम 50 प्रतिशत प्रभावकारिता होनी चाहिए, मतलब उसके टेस्ट में इस वैक्सीन के 50 प्रतिशत लोगों में ठीक से काम करना चाहिए ताकि इसके लिए व्यापक रूप से तैनाती की जा सके।

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