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COVID से मरने वालों के लिए न जताया खेद, पर गुलाम RS से हुए 'आजाद' तो रोकर नौटंकी करने लगे थे PM- बोले अधीर चौधरी

अभिषेक गुप्ता | Principal Correspondent
Updated Aug 27, 2022 | 11:03 IST

चौधरी ने यह भी कहा कि उनके (गुलाम) लिए कांग्रेस में किसी चीज़ की कमी नहीं थी। आज जब उनको लगा कि उनको कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा के लिए टिकट नहीं मिलेगी तो उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी।

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तस्वीर साभार:&nbspIANS
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है।
मुख्य बातें
  • गुलाम नबी आजाद के पार्टी से इस्तीफे से हैरान नहीं हूं- चौधरी
  • "जब PM ने संसद में आंसू बहाए थे तभी वो चक्कर में फंस गए थे"
  • बोले- दोबारा RS सदस्य बनते उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया होता

गुलाम नबी आजाद के बहाने कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा है। उन्होंने कहा है कि पीएम ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से मरने वालों के लिए खेद नहीं जताया, पर आजाद के संसद के उच्च सदन यानी कि राज्यसभा में आखिरी दिन पर वह जज्बाती हो रोने लगे। यह एक किस्म की नौटंकी थी। 

"नबी के लिए रोने की वजह नहीं थी"
शनिवार (27 अगस्त, 2022) को समाचार एजेंसी एएनआई को उन्होंने बताया, "हिंदुस्तान में लाखों लोग कोविड से मर रहे थे, तब पीएम मोदी ने किसी के लिए खेद तक व्यक्त नहीं किया। लेकिन जिस दिन आजाद का राज्यसभा में आखिरी दिन था वह उनके लिए रोने लगे। उनका रोना एक नौटंकी था। गुलाम नबी के लिए रोने की कोई वजह नहीं थी।" समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत के दौरान चौधरी ने दावा किया, ‘‘क्या किसी ने पीएम को देश में कोरोना से 50 लाख लोगों की मौत पर दुख जताते देखा?"

नबी के सरकारी आवास पर भी उठाए सवाल
चौधरी ने यह भी कहा कि वह आजाद के पार्टी से इस्तीफे से हैरान नहीं हैं क्योंकि यह स्पष्ट है कि जब ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके लिए संसद में आंसू बहाए थे तभी वह उनके चक्कर में फंस गए थे।’ वह आगे बोले- मैं (दिल्ली में) उनके आवास के सामने रहता हूं। दिल्ली में पीएम की सरकार आने के बाद से पूर्व मंत्रियों-पूर्व MPs से सरकारी आवास की सुविधा ले ली जाती है। अचरज की बात है कि आजाद को अपना आवास कभी खाली नहीं करना पड़ा।

आजाद को बता दिया अवसरवादी
बकौल चौधरी, "उनके (गुलाम) लिए कांग्रेस में किसी चीज़ की कमी नहीं थी। आज जब उनको लगा कि उनको कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा के लिए टिकट नहीं मिलेगी तो उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। लोगों को ऐसे अवसरवादी नेताओं के बारे में जानना चाहिए।"

भारी मन से 'गुलाम' ने छोड़ी कांग्रेस 
दरअसल, आजाद ने शुक्रवार (26 अगस्त, 2022) को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। आजाद ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे पांच पेज के त्याग-पत्र में कहा था कि वह ‘‘भारी मन’’ से यह कदम उठा रहे हैं। पार्टी में फेरबदल की मांग करने वाले 'जी-23 समूह' (असंतुष्ट गुट के कांग्रेसी नेताओं) में शामिल आजाद बोले थे कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को चला रहे कुछ लोगों की ओर से नियंत्रित कांग्रेस ने भारत के लिए हितकारी मुद्दों की खातिर लड़ने की इच्छाशक्ति और क्षमता खो दी है।

नई पार्टी बनाएंगे आजाद, J&K में होगी पहली इकाई
वैसे, आजाद ने आगे के प्लान के बारे में भी बताया और कहा कि वह जल्द ही नई पार्टी बनाएंगे और उसकी पहली इकाई जम्मू कश्मीर में बनाई जाएगी। समाचार एजेंसी पीटीआई को उन्होंने बताया, ‘‘मैं कोई राष्ट्रीय पार्टी बनाने के लिए अभी जल्दबाजी में नहीं हूं लेकिन जम्मू कश्मीर में चुनाव होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए, मैंने वहां जल्द ही एक इकाई गठित करने का फैसला किया है।’’ 

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