नई दिल्ली: बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है। 12 घंटों के भीतर इस चक्रवात के ओडिशा और पश्चिम बंगाल तट से टकराने की आशंका है और इसके बाद के 24 घंटों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की उम्मीद है। दोनों राज्यों में मछुआरों को आज से 20 मई तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है। भारत मौसम विभाग (IMD) ने शनिवार को अनुमान जाहिर किया है कि बंगाल की खाड़ी में डिप्रेशन अगले 12 घंटों में तेजी के साथ चक्रवाती तूफान में बदल सकता है और इसके बाद 24 घंटों में यह एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है।
क्षेत्रीय विशेषीकृत मौसम विज्ञान केंद्र में वैज्ञानिक आनंद दास के अनुसार, चक्रवाती तूफान अम्फान प्रारंभ में उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर 17 मई तक बढ़ सकता है और फिर उत्तर-पश्चिम की ओर बंगाल की खाड़ी में 18 से 20 मई के दौरान पश्चिम बंगाल तट की ओर बढ़ सकता है।
भारतीय नौसेना ईस्ट कोस्ट पर चक्रवात राहत प्रयासों के लिए हाई अलर्ट पर है। विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना के जहाज चिकित्सा सहायता प्रदान करने सहित मानवीय सहायता संकट राहत (HADR) निकासी सहायता करने के लिए सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में खड़े हैं। इन जहाजों को अतिरिक्त गोताखोरों, डॉक्टरों, रबर नौकाओं और राहत सामग्री के साथ तैयार किया जाता है, जिसमें भोजन, तम्बू, कपड़े, दवाएं, कंबल आदि पर्याप्त मात्रा में होते हैं।
इसके अतिरिक्त, लगभग 20 बचाव दल को पश्चिम बंगाल और ओडिशा में बचाव और राहत के प्रयासों के लिए तैयार रखा गया है। नौसेना ने विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश के नेवल एयर स्टेशनों INS डेगा और तमिलनाडु के अरककोनम में INS राजली पर नौसेना के विमानों को भी रखा है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर आकस्मिक निकासी की जा सके।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), सशस्त्र बलों और भारतीय तटरक्षक बल को सतर्क किया गया है और राज्य सरकार के अधिकारियों से समन्वय करने को कहा गया है।