- पीएफआई का सदस्य है गिरफ्तार दानिश, पूछताछ में किए अहम खुलासे
- दानिश ने बताया है कि दिल्ली हिंसा के लिए पीएफआई ने रची थी साजिश
- ईडी ने भी केस दर्ज किया, मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से शुरू की मामले की जांच
नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा के तार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़ने लगे हैं। सूत्रों के मुताबकि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की पूछताछ में गिरफ्तार हुए दानिश ने दिल्ली हिंसा में पीएफआई की भूमिका होने का खुलासा किया है। दानिश का कहना है कि दिल्ली हिंसा में पीएफआई की गहरी साजिश है और उसने सीएए के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन और हिंसा के लिए लोगों को उकसाया। बता दें कि उत्तर पूर्व दिल्ली के कई इलाकों में 23 से 25 फरवरी तक बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। इस हिंसा में करीब 47 लोगों की जान गई।
दिल्ली पुलिस ने दो दिन पहले पीएफआई के संदिग्ध दानिश को गिरफ्तार किया है। अब दिल्ली पुलिस हिंसा मामले में दानिश से पूछताछ कर रही है। पूछताछ में दानिश ने बताया है कि पीएफआई के सदस्यों ने दिल्ली में हिंसा फैलाने की साजिश रची और उपद्रवियों को हर तरीके से मदद पहुंचाई। दानिश के इस खुलासे के बाद दिल्ली पुलिस पीएफआई के अन्य संदिग्धों की पहचान की है। इन संदिग्धों की धरपकड़ के लिए पुलिस ने छापे की कार्रवाई तेज कर दी है। आने वाले समय में पीएफआई के और सदस्यों की गिरफ्तारी हो सकती है।
संदिग्धों के खिलाफ साक्ष्य जुटा रही पुलिस
दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि संदिग्धों के खिलाफ साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक दानिश ने पूछताछ में बताया है कि दिल्ली में हिंसा फैलाने के लिए पीएफआई में शीर्ष स्तर पर साजिश रची गई और दंगाइयों को लॉजिस्टिकल एवं आर्थिक मदद मुहैया कराया गया। दानिश का कहना है कि सीएए विरोधियों को हिंसा के लिए उकसाने के लिए पीएफआई के सदस्यों ने भड़काऊ भाषण दिए। इसके बाद जाफराबाद में 22 फरवरी को महिलाएं धरने पर बैठीं। यह सब एक गहरी साजिश के तहत किया गया।
मनी लांड्रिंग एंगल से भी जांच
इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली हिंसा में केस दर्ज कर लिया है। ईडी दिल्ली हिंसा में मनी लांड्रिंग एंगल की जांच करेगा। बता दें कि दिल्ली हिंसा में असमाजिक तत्वों के हाथ होने की बात सामने आ रही है। बौद्धिक लोगों एवं शिक्षाविदों ने गृह मंत्रालय को अपनी एक रिपोर्ट सौंपी है। 'दिल्ली रॉयट्स 2020' नाम की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में साजिश के तहत हिंसा फैलाई गई। रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली हिंसा में शहरी नक्सल और जिहादी नेटवर्क के शामिल होने के साक्ष्य मिलने की बात कही गई है।
बता दें कि उत्तर पूर्व दिल्ली में सीएए समर्थकों एवं विरोधियों के बीच टकराव ने हिंसक रूप ले लिया। गत 23 फरवरी से 25 फरवरी तक दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबुरपुर, यमुना विहार, शिव विहार, कर्दमपुरी, कबीर नगर और चांद बाग इलाके में उपद्रवियों ने भीषण उत्पात मचाया। दंगाइयों ने वाहनों, दुकानों एवं घरों को आग के हवाले कर दिया। हिंसा और आगजनी का यह खेल राजधानी में तीन दिनों तक चला।