- दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा में किसान की जमीन की हुई है नीलामी
- राजस्व विभाग के अधिकारियों ने किसान की 15 बीघा जमीन नीलाम कर दी
- अब यह मामला तूल पकड़ने लगा है, किसान नेता राकेश टिकैत दौसा पहुंचे हैं
जयपुर : राजस्थान के दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा में किसान की जमीन की नीलामी का मामला तूल पकड़ने लगा है। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत दौसा पहुंच चुके हैं। टिकैत आज मृतक किसान कजोड़ मीणा के परिजनों से मुलाकात करेंगे। बुधवार को दौसा पहुंचे किसान नेता ने कहा है कि किसान की जमीन की नीलामी अवैध है। उन्होंने इस मामले की पूरी जानकारी ली है। राकेश टिकैत की अधिकारियों के साथ बैठक होने वाली है। टिकैत ने जमीन की नीलामी प्रक्रिया शुरू करने वाले अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
बैकफुट पर आई राजस्थान सरकार
मामले को तूल पकड़ने पर राजस्थान सरकार अब बैकफुट पर है। अधिकारी सफाई देने लगे हैं। दौसा के एडीएम आरके मीणा का कहना है कि किसान बैंक का लोन चुका नहीं पाया था जिसके बाद जमीन की नीलामी की प्रक्रिया शुरू हुई। अब इसे रोक दिया गया है। इसकी जगह किसान और बैंक के बीच सुलह का रास्ता निकालने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वहीं, राजस्व विभाग के जूनियर असिस्टेंट अधिकारी राम प्रसाद बैरवा ने कहा कि किसान की 15 बीघा जमीन 46 लाख रुपए में नीलाम हुई।
हम लोन चुका पाने की स्थिति में नहीं हैं
मृतक किसान के बेटे पप्पू लाल ने कहा कि उनके पिता ने बैंक से लोन लिया था लेकिन अब वह इस दुनिया में नहीं हैं। हम इस लोन को चुका पाने में अक्षम हैं। हमने बैंक से बार-बार अनुरोध किया लेकिन उन्होंने हमारी कोई बात नहीं सुनी।
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जमीन नीलाम होने पर सदमे में है परिवार
बता दें कि दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा में राजूलाल और पप्पूलाल अपनी जमीन पर खेती किया करते थे लेकिन मंगलवार को कुछ अधिकारी उनके गांव आए। लिखा-पढ़ी की और उनकी जमीन को नीलाम कर दिया। पूरा परिवार अब तक सदमे में है। राजूलाल और पप्पूलाल के पिता कजोड़ मीणा ने रामगढ़ पचवारा के राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम के तहत लोन लिया था और वर्ष 2017 के बाद 7 लाख रुपये से अधिक का कर्ज नहीं चुका पाया। बैंक ने नीलामी का नोटिस भी दिया लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से लोन वापस नहीं कर पाया और कुछ समय बाद लोन लेने वाले किसान कजोड़ मीणा की मृत्यु हो गई।