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बेहद घातक होगी राफेल के हथियारों की तिकड़ी, मिटियोर और स्काल्प मिसाइल के साथ अचूक वार करेगा हैमर

Updated Jul 24, 2020 | 08:33 IST

Meteor, Scalp and Hammer missile: फ्रांस से आने वाले पांच राफेल लड़ाकू विमानों में हैमर मिसाइलों को लगाने की योजना है। भारत ने इसके लिए फ्रांस को ऑर्डर दिया है। यह मिसाइल काफी घातक है।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
काफी घातक होगा मिटियोर, स्काल्प और हैमर मिसाइलों का कॉकटेल।
मुख्य बातें
  • आगामी 29 जुलाई को फ्रांस से भारत पहुंच रही है राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप
  • इन विमानों में खास हथियार 'हैमर' को लगाने की है योजना, काफी घातक है यह मिसाइल
  • अंबाला एयर बेस पर उतरेंगे पांच लड़ाकू विमान, वायु सेना के 17 गोल्डेन एरोज यूनिट का होंगे हिस्सा

नई दिल्ली : फ्रांस से पांच राफेल लड़ाकू विमान 29 जुलाई को अंबाला एयरबेस पर उतरेंगे। बताया जा रहा है ये लड़ाकू विमान ऑपरेशनल स्थिति में होंगे और जिन्हें आते ही मोर्चे पर तैनात किया जा सकता है। चर्चा यह भी चल रही है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ जारी तनाव को देखते हुए इन लड़ाकू विमानों की तैनाती लद्दाख में की जाएगी। अत्याधुनिक तकनीक से लैस और अपनी मारक क्षमता में बेजोड़ राफेल दुनिया के सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू विमानों में से एक हैं। अंबाला एयरबेस पर उतरने वाले पांच राफेल लड़ाकू विमान वायु सेना की 17 गोल्डेन एरोज यूनिट का हिस्सा होंगे। 

बेड़े में इनके शामिल हो जाने के बाद भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की ताकत में और इजाफा हो जाएगा। राफेल में लगने वाली वाली मिटियोर, स्काल्प मिसाइल के साथ और हैमर नाम का हथियार इस मारक क्षमता को और घातक बना देंगे। बताया जा रहा है कि भारत ने राफेल में हैमर को लगाने के लिए फ्रांस को ऑर्डर दिया है। आइए एक नजर डालते हैं राफेल में लगने वाली इन हथियारों के बारे में।

मिटियोर 
मिटियोर लंबी रेंज वाली एयर टू एयर बियोंड विजुअर रेंज की मिसाइल है। इस मिसाइल की रेंज 150 किलोमीटर है। भारत इन मिसाइलों का उपयोग राफेल लड़ाकू विमाओं का साथ करेगा। इसके लग जाने के बाद एयर टू एयर हमला करने में राफेल की ताकत कई गुना ज्यादा बढ़ जाएगी। पाकिस्तानी वायुसेना अमेरिका की एयर टू एयर मिसाइल AMRAAM का इस्तेमाल करती है। समझा जाता है कि वायु सेना मिटियोर से पाकिस्तानी वायु सेना का काफी दक्षता से मुकाबला कर सकेगी। पाक वायु सेना अपने एफ-16 विमानों में अमराम मिसाइलों का इस्तेमाल करती है। यही नहीं मिटियोर मिसाइल दुश्मन देश के लड़ाकू जहाजों को आसानी से अपना निशाना बना सकती है।

स्काल्प 
राफेल में लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम स्काल्प मिसाइलें भी लगेंगी। यह ब्रह्मोस की तरह क्रूज मिसाइल है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 300 किलोमीटर से ज्यादा है। इस मिसाइल का इस्तेमाल दुश्मन के भीतरी इलाकों में स्थित ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किया जा सकता है। फ्रांस से आने वाले राफेल में स्काल्प और मिटियोर मिसाइलें पहले से लगी होंगी। स्कॉल्प मिसाइलें दुश्मन देश के पुल, रेल, सड़क, पावर प्लांट्स, एयरफील्ड्स, बंकर्स, कमान एवं कंट्रोल सेंटर्स को आसानी से निशाना बना सकती हैं। यह मिसाइल रडार को भी चकमा दे देती है और इसका इस्तेमाल मौसम की सभी दशाओं में किया जा सकता है। इस मिसाइल से किसी निश्तिच लक्ष्य पर सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई आसानी से अंजाम दी जा सकती है। 

हैमर 
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है। हैमर (Highly Agile Modular Munition Extended Range) का हिंदी में मतलब हथौड़ा होता है। यह एक खास तरह का बम है जो दुश्मन के बख्तरबंद वाहनों, ऊंची पहाड़ियों पर बने बंकरों को आसानी से तहस-नहस कर सकती है। मीडियम रेंज के साथ इसकी मारक क्षमता 60-70 किलोमीटर है। यह एयर टू ग्राउंड हमले के लिए इसका इस्तेमाल होता है जिसे फ्रांस की वायुसेना एवं नौसेना में इस्तेमाल किया जाता है। यह तीन मीटर लंबा है और इसका वजन करीब 330 किलोग्राम है। यह चलते हुए टारगेट्स को भी निशाना बनाने में सक्षम है और इसके कई वर्जन आते हैं।

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