- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर में सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण छह पुलों का ई-उद्घाटन किया
- पुलों के उद्घाटन से सुरक्षाबलों को आवाजाही में होगी सुविधा
- बीआरओ ने रिकॉर्ड समय में पूरा किया है पुलों का निर्माण कार्य
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के निकट स्थित संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों एवं पुलों की कनेक्टिविटी में आज एक नए अध्याय की शुरूआत हुई है। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज नई दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यहां छह प्रमुख पुलों को राष्ट्र को समर्पित किया। सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण इन पुलों का निर्माण कार्य सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने रिकॉर्ड समय में पूरा किया है।
रिकॉर्ड समय में कार्य पूरा
रिकॉर्ड समय में छह पुलों का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए राजनाथ सिंह ने बीआरओ को बधाई दी। रक्षा मंत्री ने इसके साथ ही सर्वाधिक दुर्गम इलाकों और अत्यंत खराब मौसम में भी मुस्तैदी के साथ काम करके राष्ट्र निर्माण में बहुमूल्य योगदान देने के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि सड़कें एवं पुल किसी भी राष्ट्र की जीवन रेखा हैं और इसके साथ ही ये दूर-दराज के क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाते हैं
बीआरओ को दी बधाई
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘लोगों को कनेक्ट करने वाले इन पुलों का उद्घाटन ऐसे समय में करना सचमुच एक सुखद अनुभव है जब पूरी दुनिया सामाजिक दूरी बनाए रखने, एक-दूसरे से अलग रहने पर विशेष जोर दे रही है (कोविड-19 के कारण)। मैं इस अहम कार्य को बड़े कौशल के साथ पूरा करने के लिए सीमा सड़क संगठन को बधाई देता हूं।’ बीआरओ की सराहना करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘बीआरओ द्वारा पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों और पुलों का निरंतर निर्माण करना दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंच सुनिश्चित करने संबंधी सरकार के विजन को साकार करने में मददगार साबित होगा। सड़कें किसी भी राष्ट्र की जीवन रेखा हैं।’
बीआरओ लगातार कर रहा है निर्माण कार्य
उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कें न केवल सामरिक ताकत हैं, बल्कि ये दूरस्थ क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने का भी कार्य करती हैं। दरअसल, चाहे सशस्त्र बलों की सामरिक आवश्यकता हो या स्वास्थ्य, शिक्षा, व्यापार से संबंधित अन्य विकास कार्य हों, ये सभी कनेक्टिविटी से ही संभव हो पाते हैं। पिछले दो वर्षों में नवीनतम तकनीकों और अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग करके बीआरओ ने 2,200 किलोमीटर से अधिक की कटाई करते हुए लगभग 4,200 किलोमीटर लंबी सड़कों की विशिष्ट ऊपरी सतह बनाने का काम किया है तथा लगभग 5,800 मीटर लंबे स्थायी पुलों का निर्माण किया गया है।
कहां-कहां स्थित हैं पुल
कठुआ जिले में तरनाह नाले पर दो पुल और अखनूर/जम्मू जिले में अखनूर-पल्लनवाला रोड पर स्थित चार पुल 30 से 300 मीटर तक फैले हुए हैं और ये कुल 43 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए। बीआरओ के ‘प्रोजेक्ट संपर्क’ द्वारा निर्मित इन पुलों से सशस्त्र बलों को सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में आवाजाही करने में काफी सुविधा होगी। यही नहीं, ये पुल दूरस्थ सीमावर्ती क्षेत्रों के समग्र आर्थिक विकास में भी अहम योगदान देंगे।
इस अवसर पर बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने राष्ट्र निर्माण में बीआरओ के योगदान को रेखांकित किया। इस दौरान दिल्ली में थल सेनाध्यक्ष जनरल एम एम नरवाणे, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार एवं बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह और साइट पर सेना एवं नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद उपस्थित थे।