नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में नया मृत्यु वारंट जारी करने की उसके माता-पिता और दिल्ली सरकार के अनुरोध पर मंगलवार को चारों दोषियों से जवाब मांगा। ये चारों दोषी फांसी की सजा का सामना कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि अदालत बुधवार को इस विषय पर सुनवाई करेगी।
इन दोषियों की फांसी की सजा की तामील के लिए नयी तारीख तय किए जाने के वास्ते दिल्ली सरकार के अधिकारियों को निचली अदालत जाने के लिये उच्चतम न्यायालय से मिली छूट के बाद यह याचिका दायर की गई है।
केन्द्र की अपील पर कोर्ट का चारों दोषियों को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र की अपील पर मंगलवार को निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चारों दोषियों को नोटिस जारी किये। केन्द्र ने इन मुजरिमों की मौत की सजा के अमल पर रोक के खिलाफ उसकी याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है। इस बीच, विनय शर्मा ने राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका खारिज करने के एक फरवरी के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने चारों दोषियों को मौत होने तक फांसी के फंदे पर लटकाने के लिये नयी तारीख लेने के लिये प्राधिकारियों को निचली अदालत जाने की छूट प्रदान की है। न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि दोषियों की सजा पर अमल के लिये निचली अदालत द्वारा नयी तारीख निर्धारित करने में केन्द्र और दिल्ली सरकार की लंबित अपील बाधक नहीं होगी।
केन्द्र और दिल्ली सरकार की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दोषियों की मौत की सजा पर अमल ‘खुशी’ के लिये नहीं है लेकिन प्राधिकारी तो सिर्फ कानून के आदेश पर अमल कर रहे हैं। मौत की सजा के अमल में विलंब के दोषियों के हथकंडों का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि इनमें से तीन दोषी कानून में उपलब्ध सारे कानूनी विकल्प अपना चुके हैं जबकि चौथे दोषी पवन ने अभी तक शीर्ष अदालत में न तो सुधारात्मक याचिका दायर की है और न ही राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर की है।
अदालत ने चारों दोषियों -मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार की मौत की सजा पर अगले आदेश तक के लिये 31 जनवरी को रोक लगा दी थी। ये चारों दोषी इस समय तिहाड़ जेल में बंद हैं।