नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में इस साल फरवरी में हुई हिंसा से जुड़े एक मामले में आरोपी ताहिर हुसैन की जमानत याचिका दिल्ली की एक अदालत ने खारिज कर दी है। आम आदमी पार्टी (AAP) से निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन ने यह दलील देते हुए अदालत से जमानत की गुहार लगाई थी कि इस मामले में उन्हें फंसाया गया है।
ताहिर हुसैन की दलील
ताहिर हुसैन ने यह दावा भी किया कि उन्हें पुलिस हिरासत में लिए जाने के दौरान या उसके बाद भी नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा के संबंध में उनके पास से कुछ भी बरामद नहीं किया जा सका है। यहां तक कि खाली कारतूस, बंदूक या गोलियां भी उनके पास से या उनके घर से नहीं मिला है। हालांकि कोर्ट ने उनकी किसी भी दलील को स्वीकार नहीं करते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी।
IB अफसर की हत्या का आरोप
ताहिर हुसैन को दिल्ली हिंसा से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में यह हिंसा 24 फरवरी के बाद भड़की थी, जब नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थकों और विरोधियों में झड़प हो गई थी। इसी दौरान खुफिया ब्यूरो के अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या भी हुई थी, जिसका आरोप ताहिर हुसैन पर लगा है। हालांकि ताहिर हुसैन ने इसमें अपनी संलिप्तता से इनकार किया है।
नाले में मिला था अफसर का शव
आईबी अधिकारी अंकित शर्मा का शव 26 फरवरी को नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के चांद बाग इलाके में एक नाले से बरामद हुआ था। उनके भाई का आरोप है कि 25 फरवरी की शाम अंकित शर्मा उपद्रवियों को समझाने-बुझाने घर से बाहर निकले थे, जब ताहिर के घर से आए कुछ लोग उनके भाई को उठाकर ले गए। अंकित के पिता ने भी पुलिस को दी अपनी शिकायत में ताहिर हुसैन के नाम का जिक्र किया है।
UAPA के तहत केस दर्ज
नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली हिंसा से जुड़े मामले में आरोपी ताहिर हुसैन के खिलाफ 22 अप्रैल को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन पर पहले ही धारा 201 (सबूतों को गायब करना या गलत जानकारी देना), 302 (हत्या), और 365 (अपहरण) के तहत केस दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस ने उन्हें 5 मार्च को गिरफ्तार किया था। दिल्ली हिंसा में कथित संलिप्तता उजागर होने के बाद आम आदमी पार्टी ने ताहिर हुसैन को पार्टी से निलंबित कर दिया था। दिल्ली हिंसा में 53 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे।