- दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता एक बार फिर खराब हो गई है
- PM 2.5 और PM 10 की मात्रा निर्धारित मानक से अधिक पाई गई है
- हरियाणा, पंजाब में पराली जलाए जाने को इसकी प्रमुख वजह माना जा रहा है
नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित पूरे एनसीआर में एक बार फिर सांसों में जहर घुलने लगा है। पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं के बीच दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणत्ता में भारी गिरावट दर्ज की गई है और कई इलाकों में यह 'बेहद खराब' से 'अस्वास्थ्यकर' श्रेणी में पहुंच गई है। ऐसे में लोगों को आवश्यकता होने पर ही घर से निकलने की सलाह दी गई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण (CPC) बोर्ड ने वायु गुणवत्ता के जो आंकड़े जारी किए हैं, उसके मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर के कई शहर खराब वायु गुणत्ता की चपेट में हैं। यहां वायु गुणवत्ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सीपीसी ने बुधवार को जिन 108 शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक जारी किया, उनमें सर्वाधिक प्रदूषित 10 शहरों में से पांच दिल्ली-एनसीआर के हैं।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलावे एनसीआर में जिन शहरों की वायु गुणवत्ता सबसे खराब है, उनमें नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीबाद शामिल हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि एनसीआर में प्रदूषण ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी ग्रेप के लागू होने के बावजूद बढ़ा है। इस बीच दिल्ली सरकार ने बुधवार को यहां खराब हुई वायु गुणवत्ता के लिए पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने को मुख्य तौर पर जिम्मेदार ठहराया है।
सीपीसी ने देश के जिन 108 शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बुधवार को जारी किया, उनमें दिल्ली के द्वारका सेक्टर-8 और गाजियाबाद के लोनी पूरे देश में सबसे अधिक प्रदूषित दर्ज किए गए हैं। दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार को भी स्थिति बहुत अलग नजर नहीं आ रही है। दिल्ली में मेजर ध्यानचंद स्टेडियम और इंडिया गेट के पास मुख्य प्रदूषक तत्व PM 2.5 177 और PM 10 122 पर दर्ज किया गया, जो 'अस्वास्थ्यकर' श्रेणी में आता है।