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Yasin Malik : अलगाववादी नेता यासीन मलिक पहुंचा अस्पताल, डॉक्टरों को लिखा पत्र

Updated Jul 27, 2022 | 16:10 IST

Yasin Malik news: रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि मलिक के रक्तचाप में अनियमितता नजर आने पर उसे मंगलवार को आरएमएल अस्पताल में भर्ती किया गया। प्रतिबंधित संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) का प्रमुख मलिक (56) गत शुक्रवार को तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर बैठ गया।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
आजीवन कारावास की सजा काट रहा है यासीन मलिक।
मुख्य बातें
  • आतंकी घटना के एक मामले में यासीन मलिक को हुई है आजीवन कारावास
  • एनआई कोर्ट ने गत मई में सुनाया फैसला, मलिक को तिहाड़ जेल में रखा गया
  • अपहरण के एक मामले की सुनवाई में हिस्सा लेने जम्मू जाना चाहता है यासीन मलिक

Yasin Malik : तिहाड़ जेल में बीते 5 दिनों से भूख हड़ताल करने वाले अलगाववादी नेता यासीन मलिक की तबीयत बिगड़ गई है। सूत्रों का कहना है कि मलिक का रक्त चाप (ब्लड प्रेशर) ऊपर-नीचे होने के बाद उसे राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मलिक ने अस्पताल के डॉक्टरों को यह कहते हुए पत्र भी लिखा है कि वह अपना इलाज नहीं कराना चाहता। 

सुनवाई में हिस्सा लेने जम्मू जाना चाहता है मलिक
रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि मलिक के रक्तचाप में अनियमितता नजर आने पर उसे मंगलवार को आरएमएल अस्पताल में भर्ती किया गया। प्रतिबंधित संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) का प्रमुख मलिक (56) गत शुक्रवार को तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर बैठ गया। उसने सरकार से मांग की है कि रूबैया सईद अपहरण मामले की सुनवाई में पेश होने के लिए उसे जम्मू जाने की इजाजत दी जाए। उसकी इस मांग पर सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई जिसके बाद उसने भूख हड़ताल शुरू की।  

तिहाड़ की जेल संख्या 7 में रखा गया
एनआईए की कोर्ट ने मलिक को घाटी का माहौल खराब करने, आतंकी एवं हिंसक गतिविधियों को बढ़ावा देने का दोषी पाया है। कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सजायाफ्ता होने के बाद अलगाववादी नेता को देश की सबसे सुरक्षित तिहाड़ के जेल संख्या 7 में रखा गया है। भूख हड़ताल की वजह से तबीयत बिगड़ने पर उसे जिले मेडिकल इंवेस्टिगेशन कमरे में शिफ्ट किया गया। यहां उसे आईवी फ्ल्यूड्स दिया गया।    

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गत मई में एनआईए कोर्ट ने दी सजा  
टेरर फंडिंग मामले में मलिक की सजा पर बहस के दौरान एनआईए ने अदालत से कहा कि घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए यह अलगाववादी नेता  जिम्मेदार है।विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह के समक्ष सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी ने मलिक को मौत की सजा की भी दलील दी। दूसरी ओर, न्याय मित्र ने मामले में न्यूनतम सजा के रूप में आजीवन कारावास की मांग की।

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