मुख्य बातें
- दिल्ली हिंसा को गृह मंत्री अमित शाह ने सुनियोजित साजिश करार दिया है
- उन्होंने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी धर्म, जाति या पार्टी से जुड़ा हो
- 700 से ज्यादा प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं और 2,647 लोग हिरासत में लिए गए हैं
नई दिल्ली: पिछले महीने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में 52 लोगों की जान चली गई। इस हिंसा को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार और गृह मंत्री को घेर रहा था। लगातार गृह मंत्री का इस्तीफा मांगा जा रहा था और दिल्ली पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे थे। आज यानी बुधवार को लोकसभा में दिल्ली हिंसा पर चर्चा हुई। आखिर में गृह मंत्री में चर्चा पर जवाब दिया और सरकार और खुद पर उठ रहे कई सवालों के जवाब दिए। यहां पढ़ें अमित शाह के भाषण के 10 महत्वपूर्ण बिंदू:
- दिल्ली पुलिस ने हिंसा को पूरे दिल्ली में नहीं फैलने देने की जिम्मेदारी बखूबी निभाई। मैं दिल्ली पुलिस की प्रशंसा करना चाहूंगा। पुलिस ने 36 घंटों के भीतर हिंसा पर काबू पा लिया। दिल्ली में कुल 203 थाने हैं और हिंसा केवल 12 थाना क्षेत्रों तक सीमित रही।
- मैं डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के समय दिल्ली के उनके कार्यक्रमों में नहीं गया, मैं दिल्ली पुलिस के साथ बैठक यह सुनिश्चित कर रहा था कि हिंसा पर नियंत्रण किया जाए। अमेरिकी राष्ट्रपति का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था, यह मेरे निर्वाचन क्षेत्र में था, मेरी यात्रा भी पूर्व निर्धारित थी। अगले दिन जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने दिल्ली का दौरा किया, मैं किसी भी कार्यक्रम में उपस्थित नहीं था।
- मैंने ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने को कहा। मैं खुद वहां नहीं गया क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि पुलिस मेरी सुरक्षा व्यवस्था के लिए संसाधनों को डायवर्ट करे। पुलिस का पहला काम हिंसा को रोकना था।
- हिंसा को लेकर लगभग 700 FIR दर्ज की गई हैं। कुल 2647 लोग हिरासत में लिए गए हैं अथवा गिरफ्तार किए गए हैं। आर्म्स एक्ट के 49 मामले दर्ज किए गए हैं और 153 हथियार बरामद किए गए हैं।
- सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया जा रहा है। फेस आईडेंटिफिकेशन सॉफ्टेवेयर के द्वारा सारे चेहरों कों पहचानने की प्रक्रिया चालू कर दी है। ये सॉफ्टवेयर है, वो धर्म, कपड़े नहीं देखता। सॉफ्टवेयर के अंदर हमने वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और भी सरकार डाटा डाला है। इससे 1100 से ज्यादा लोगों की पहचान की जा चुके हैं, जिसमें 300 से ज्यादा लोग यूपी से थे।
- इतने कम समय में इतने बड़े पैमाने पर दंगे फैलाना बिना साजिश के संभव नहीं है। हमने इस एंगल की जांच के लिए साजिश का मामला दर्ज किया है। हिंसा के लिए फंड उपलब्ध कराने के लिए तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
- लगभग 60 सोशल मीडिया अकाउंट 22 फरवरी को बनाए गए और 26 फरवरी को बंद कर दिए गए। पुलिस उन लोगों को ढूंढ निकालेगी। नफरत फैलाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया गया।
- हमने दंगों को लापरवाही से नहीं लिया। प्रथम दृष्टया, मेरा मानना है कि दंगे पूर्व नियोजित थे। मैंने दंगा पीड़ितों के परिवारों को आश्वासन दिया कि दोषियों को किसी भी तरह से बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वो किसी भी धर्म, जाति या राजनीतिक दल के हों।
- मैं हिंदू-मुस्लिम में विश्वास नहीं करता। दिल्ली के दंगों में 52 भारतीय मारे गए हैं। क्या हम इस संसद को धर्म के आधार पर विभाजित करेंगे?
- नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर लोगों में भ्रम फैलाया गया। एक बड़ी पार्टी की रैली हुई जिसमें कहा गया, 'घर से बाहर निकलो, ये आर-पार की लड़ाई है।' ये हेट स्पीच नहीं लगती आपको?' AIMIM नेता वारिस पठान ने कहा कि हम 15 करोड़ हैं, लेकिन 100 करोड़ पर भारी हैं। इस बयान के कुछ दिन बाद ही दंगे हुए।