- गुपचुप तरीके से राम रहीम को मिला परोल, उम्रकैद की सजा काट रहे बाबा एक दिन के लिए आए बाहर
- अपनी बीमार से मिलने के लिए हरियाणा सरकार ने दी थी एक दिन की परोल
- बाबा की सुरक्षा में साथ रहे जवानों को भी नहीं थी भनक
गुरुग्राम: रेप और हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा के मुखिया गुरमीत राम रहीम को बीते चौबीस अक्टूबर को एक दिन का परोल मिला था। हरियाणा की भाजपा-जेजेपी गठबंधन सरकार की तरफ से यह परोल दिया गया था। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, डेरा प्रमुख राम रहीम को कड़ी सुरक्षा के बीच 24 अक्टूबर को सुनारिया जेल से गुरुग्राम के अस्पताल में लाया गया जहां राम रहीम की बीमार मां भर्ती थी। राम रहीम यहां शाम तक अपनी मां के साथ रहे।
पूरा अस्पताल का फ्लोर कराया गया खाली
टाइम्स ऑफ इंडिया को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बाबा को लाने में हरियाणा पुलिस की तीन कंपनियां शामिल थीं और एक कंपनी में करीब 80 से लेकर 100 जवान शामिल थे। डेरा प्रमुख को जेल से अस्पताल और फिर वापस जेल पहुंचाने के लिए विशेष पुलिस वाहन का इंतजाम किया गया था जिसमें पर्दे लगे थे। पुलिस की गाड़ियां अस्पताल के बेसमेंट में पार्क की गई थी। जहां बाबा की मां का इलाज चल रहा था उस पूरे फ्लोर को बाबा के पहुंचने से पहले पूरी तरह खाली करा लिया गया था।
शीर्ष अधिकारियों के निर्देश पर
रोहतक के एसपी राहुल शर्मा ने टीओआई से इस खबर की पु्ष्टि करते हुए कहा, 'राम रहीम के गुरुग्राम दौरे के लिए सुरक्षा की मांग करते हुए, हमें जेल अधीक्षक से एक अनुरोध मिला था। हमने 24 अक्टूबर को सूर्योदय से सूर्यास्त तक उनकी आवाजाही के दौरान सुरक्षा प्रदान की थी। सब कुछ शांतिपूर्ण रहा।' केवल मुख्यमंत्री और हरियाणा सरकार के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को ही इस बारे में जानकारी थी, जो जाहिर तौर पर भाजपा के शीर्ष अधिकारियों के निर्देश पर किया गया था।
एस्कॉर्ट कर रहे जवान भी रहे बेखबर
यहां तक कि उन जवानों को बाबा राम रहीम की पहचान के बारे में पता नहीं था जो उनके काफिले को एस्कॉर्ट कर रहे थे। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस तरह से परोल देने से हरियाणा के अधिकारियों ने भविष्य में परोल पर रिहाई की मांग की जमीन तैयार कर दी है।