पूरा विश्व संकट में है। कुछ माह पहले चीन के शहर वुहान शहर में कोराना नामक वायरस पैदा हुआ और उसके संक्रमण की जद में पहले पूरा चीन आया फिर एक एक करके विश्व के लगभग 200 देश आ गए। बहुत तेजी से फैलने वाला यह वायरस दुनियाभर में 800,000 से अधिक लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है जिनमें से 40,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
इटली में सबसे ज्यादा 12,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है वहीं अमेरिका में 3600 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। भारत की बात करें तो अभी तक कुल 1637 मामले सामने आए हैं, जिसमें से 1466 सक्रिय हैं और 133 लोग ठीक हुए हैं। भारत में 38 से ज्यादा मौतें हो गई हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल तक पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा कर रखी है और तमाम राज्य सरकारें प्रभावी रूप से लॉकडाउन का पालन करा रही हैं।
केंद्र सरकार के साथ मिलकर इस संकट की घड़ी में हर प्रदेश सरकार कोरोना का डटकर मुकाबला कर रही है लेकिन योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार की तत्परता की चर्चा हर तरफ हो रही है। कोरोना संक्रमण के दौरान में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस तेवर में नजर आ रहे हैं और यूपी की पूरी मशीनरी कोरोना को खत्म करने की जिस जिद से लड़ रही है, उसकी सराहना जरूरी है।
23 करोड़ प्रदेशवासियों की चिंता
योगी आदित्यनाथ भारत की सर्वाधिक जनसंख्या वाले प्रदेश के मुखिया हैं। उत्तर प्रदेश का जनसंख्या घनत्व भी अधिक है, ऐसे में इस राज्य के सामने चुनौतियां भी अधिक हैं। यही वजह है कि स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 23 करोड़ प्रदेश की जनता की देखभाल में जुटे हैं। वह नवरात्रि में नौ दिन का उपवास कर रहे हैं और नींद त्यागकर कोरोना का डटकर मुकाबला कर रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ सुबह चार बजे उठ जाते हैं। उसके बाद स्नान करते हैं और ध्यान लगाते हैं। फिर योग करने के बाद 6:30 बजे से अखबारों पर नजर मारना शुरू करते हैं। इसी वक्त से वह फोन पर बात करना शुरू कर देते हैं और एक नजर में पूरे प्रदेश का हाल जान लेते हैं। 9:30 बजे तक वह सरकारी काम शुरू कर देते हैं, जोकि कोरोना की वजह से देर रात 12 बजे के बाद तक चल रहा है। विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो योगी आदित्यनाथ पिछली कई रातों से सोए तक नहीं है।
'प्रजा' की सेवा परम धर्म
भाजपा उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन कहते हैं कि योगी आदित्यनाथ कोरोना काल में एक कुशल और सफल शासक के रूप में सामने आए हैं। वह रामराज्य के सपने को साकार कर रहे हैं। प्रभु राम को आदर्श मानकर वह उन्हीं की तरह प्रदेश के एक एक व्यक्ति की चिंता कर रहे है। संकट की इस घड़ी में उनके चेहरे पर हर प्रदेशवासी के लिए साफ चिंता देखी जा सकती है। इस वक्त में जब सभी अपने घरों में हैं, तब योगी आदित्यनाथ अपनी परवाह छोड़ कोरोना प्रभावित जिलों के दौरे पर पहुंच गए। दिल्ली में तबलीगी जमात में सामने आए कोरोना के मामलों के बाद वह गाजियाबाद से तुरंत लखनऊ पहुंचे और अधिकारियों के बाद हाईलेवल मीटिंग की। मंगलवार रात में पूरे प्रदेश में सर्च ऑपरेशन चलाया गया और 90 प्रतिशत जमातियों की पहचान कर डाली। वह सड़क पर उतरकर लोगों का हालचाल जानने निकले।
बनकर उभरे जननेता
वहीं योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व मे यूपी पुलिस आपदा के समय जिस तत्परता और लगन के साथ जरूरतमंद लोगों की मदद और सेवा कर रही है, वह काबिले तारीफ है। यूपी पुलिस की प्रत्येक ईकाई ने अपना कार्य अपूर्णतः इमानदारी से किया है। उत्तर प्रदेश सरकार इस महामारी कि जिस तैयारी और हौसले से मुकाबला कर रही है, वह अन्य राज्यों के लिए भी उदाहरण है।
योगी आदित्यनाथ सरकार तीन साल पूरे कर चुकी है और इस तरह के फैसलों से वह जननेता बनकर उभरे हैं। स्वास्थ्य के मोर्चे पर सरकार ने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं, लेकिन यहां सराहना एक दूसरी बात की भी होनी चाहिए। यह सरकार गरीबों या लाभार्थियों के खाते में सीधे लाभ भेजने वाली सरकार साबित हुई है।
कोरोना लॉकडाउन के बीच योगी आदित्यनाथ के कड़े फैसले-
- श्रम विभाग के 20.37 लाख पंजीकृत श्रमिकों को ‘लेबर सेस फण्ड’ से प्रत्येक श्रमिक को 1000 रुपए प्रति माह डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध कराने का आदेश।
- नगर विकास विभाग को घुमन्तु प्रकृति जैसे ठेला, खोमचा, साप्ताहिक बाजार आदि से जुड़े लगभग 15 लाख श्रमिकों को 1000 रुपए हस्तांतरित करने का आदेश।
- 1 करोड़ 65 लाख अन्त्योदय योजना, मनरेगा तथा श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों एवं दिहाड़ी मजदूरों को 1 माह का निःशुल्क राशन अप्रैल 2020 में उपलब्ध कराने का आदेश।
- विभिन्न पेंशन योजनाओं के 83.83 लाख लाभार्थियों को दो माह की अग्रिम पेंशन अप्रैल माह में भुगतान करने का आदेश।
- ग्रामीण क्षेत्रों एवं नगर निकायों के असहाय व्यक्ति जिनके पास अपने व अपने परिवार के भरण-पोषण की व्यवस्था नहीं है ऐसे व्यक्तियों को 1000 रुपए प्रतिमाह देने का आदेश।
- 18 हजार से अधिक वाहनों की मदद से सब्जी, दूध, दवा व खाद्यान्न घर-घर पहुंचाने का आदेश।
- रैन बसेरों, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे के बाहर तथा अन्य सार्वजनिक स्थलों पर कोई भी व्यक्ति भूखा-प्यासा ना सोए, इसके लिए हर जिले में कम्यूनिटी किचन बनाने का आदेश।
- कोरोना को मात देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई विभागों को जोड़कर 11 कमेटियां बनाई, जिसमें सरकार के करीब दो दर्जन वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
- 12 राज्यों महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश-तेलंगाना, कर्नाटक, पंजाब, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, हरियाणा, बिहार, गुजरात, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और दिल्ली के लिए नोडल अफसर तैनात किए, जो संबंधित राज्यों के अधिकारियों से को-आर्डिनेट कर यूपी के नागरिकों को सुविधाएं दिलाने का आदेश।
- प्रदेश के कारागारों में बंद करीब 11,000 बंदियों (8500 विचाराधीन और 2500 सिद्धदोष बंदी) को 8 सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत पर तत्काल रिहा करने का आदेश।
- दिल्ली सहित अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार के लोगों के नोएडा, गाजियाबाद हापुड़, बुलंदशहर और अलीगढ़ में पहुंचने की खबर मिलने पर रातों-रात 1000 बसें उपलब्ध कराने का आदेश।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मनरेगा योजना के तहत राज्य के 27.5 लाख श्रमिकों के बैंक खाते में सीधे 611 करोड़ रुपये भेजे।
(डिस्क्लेमर: इस प्रस्तुत लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं और टाइम्स नेटवर्क इन विचारों से इत्तेफाक नहीं रखता है।)