- उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में मारे गए आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा की मौत को लेकर मिल रहे हैं कई संकेत
- एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे संकेत मिले हैं कि अंकित शर्मा को जानबूझकर निशाना बनाया गया था
- पुलिस अंकित की मौत की हर एंगल से कर रही है जांच, हर कड़ी को जोड़कर बढ़ रही है आगे
नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली में पिछले महीने के अंत में हुई हिंसा के दौरान मारे गए आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा की हत्या के मामले में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे नए संकेत मिल रहे हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक इस बात की पूरी संभावना है कि अंकित को जानबूझकर निशाना बनाया गया हो। पुलिस घटनाक्रम की हर कड़ी को जोड़ते हुए अपनी जांच में आगे बढ़ रही है।
आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा 25 फरवरी को शाम 5 बजे के करीब ऑफिस से लौटे थे और आस पास तनाव होने की खबरों के बाद दोस्तों के साथ बाहर गए थे। इस दौरान उनका एक दोस्त कालू भी उनके साथ था जो कि पुलिस के दूसरी तरफ खड़े थे। इस दौरान पुलिस की अपोजिट साइट से जमकर पत्थरबाजी हो रही थी। इस दौरान अंकित भी वहीं खड़े थे।
अंकित को पत्थर मारकर घर के अंदर ले गए
प्रत्यदर्शियों ने पुलिस को जो जानकारी दी है उसके मुताबिक, इस दौरान एक पत्थर अंकित को भी लगा और वो गिर पड़े। इसके बाद दूसरी तरफ से तीन-चार लोग आए और अंकित को अपने साथ घसीटते हुए ले गए, लेकिन गौर करने वाली बात ये कि इन्होंने और किसी को भी कुछ नहीं किया केवल अंकित को घसीटते हुए ले गए। इसके बाद अंकित को किसी सुनसान जगह (एक घर में) ले जाया गया जिसके बाद उन्हें किसी ने नहीं देखा। वहां जाकर उनके कपड़े उतार दिए गए और नृशंस तरीके से उनकी हत्या कर दी गई फिर उनका शव फिर नाले में फेंक दिया गया। बाद में जब नाले से उनका शव मिला तो उनके शरीर पर केवल अंडरगारमेंट थे।
'हम जो देख रहे हैं यह उससे कहीं बड़ा है'
पूरे घटनाक्रम और प्रथम द्रष्टया मिली जानकारी के साथ-साथ कुछ बयानों और डॉक्टरों की शुरुआत राय को जोड़ा जाए तो आईबी का यह मानना है कि अंकित की हत्या एक मकसद के तहत की गई थी।। आईबी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, 'घटनाक्रम जो संकेत मिलता है कि हत्यारे कुछ संदेश देना चाहते थे। हम जो देख रहे हैं यह उससे कहीं बड़ा है।' इससे पहले अंकित की जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई थी उसमें भी कहा गया था कि उनकी हत्या नृशंस तरीके से की गई है और शरीर पर चाकू से कई वार किए गए हैं।
सुनियोजित थी हत्या?
वहीं पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों ने पुलिस को बताया कि उसके शरीर पर कम से कम चाकू मारने के 54 गहरे घाव थे। जिस तरह से अंकित को घटनास्थल पर ना मारकर अन्य जगह पर ले जाया गया वह कई संदेह पैदा करता है। इसके अलावा जितनी नृशंस तरीके से अंकित की हत्या की गई वह भी कई सवाल खड़े करती है क्योंकि भीड़ अगर हत्या करती है तो वह इस तरीके से नहीं मारती है।