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भारत में मुसलमान समाज बहुसंख्यक नहीं होगा, सिर्फ डराने की राजनीति- दिग्विजय सिंह

Updated Sep 23, 2021 | 10:51 IST

कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह का कहना है कि इस देश में मुसलमानों के बहुसंख्यक होने का डर दिखाया जा रहा है।

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मुस्लिम आबादी का डर दिखा हिंदुओं को गुमराह करने की कोशिश- दिग्विजय सिंह
मुख्य बातें
  • भारत में मुसलमान समाज कभी बहुसंख्यक नहीं होगा- दिग्विजय सिंह
  • 2028 तक हिंदू और मुस्लिमों में फर्टिलिटी रेट बराबर हो जाएगी
  • मुस्लिम आबादी के नाम पर डराने की राजनीति हो रही है।

क्या भारत में मुस्लिम समाज की आबादी हिंदुओं से अधिक हो जाएगी। क्या आने वाले समय में हिंदू भारत में अल्पसंख्यक होंगे। इन सवालों के जवाब में कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह कहते हैं कि दरअसल इस डर की मार्केटिंग की जा रही है और कुछ हिंदूवादी संगठन अपने मकसद को हासिल करने में जुटे हैं। दिग्विजय सिंह ने आंकड़ों के जरिए बताने की कोशिश की दरअसल मुस्लिम समाज बहुसंख्यक नहीं होगा।

मुसलमानों की फर्टिलिटी रेट में तेजी से गिरावट
दिग्विजय सिंह का कहना है कि स्टडी के मुताबिक 1951 से मुस्लिम समाज की आबादी में गिरावट आई है, बड़ी बात यह है कि मुसलमानों की प्रजनन दर में हिंदुओं से ज्यादा गिरावट है। इस समय एक मुस्लिम शख्स 2.7 बच्चे पैदा कर रहा है जबकि हिंदू समाज में यह आंकड़ा 2.3 का है। अगर इस आधार पर आंकलन करें तो 2028 तक देश में हिंदू और मुसलमानों की संख्या बराबरी पर होगी। लिहाजा इस तरह का तर्क पेश करना की मुस्लिम इस देश में बहुसंख्यक होंगे बेमानी है। 

हिंदू और मुसलमान के नाम पर सिर्फ डर की राजनीति
दिग्विजय सिंह ने कहा कि एक तरह हिंदूवादी संगठन यह कहते हैं कि अगर नहीं चेते तो एक बार फिर देश पर कौन राज करेगा। सभी लोग जानते हैं कि वो कौन का इशारा किसके लिए होता है। उसके ही था ओवैसी की पार्टी है जो हमेशा मुस्लिम राग अलापते रहते हैं। उन्हें मुस्लिम समाज पर हमेशा खतरा नजर आता है। दरअसल ये दोनों विचारधारा सिर्फ और सिर्फ वोट की राजनीति कर रही हैं। हिंदू और मुसलमान को नाम पर लोगों को डरा कर वोट पाने की महज कोशिश है।

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