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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पहचान है अनुशासन : पदम सिंह

Updated Jun 03, 2022 | 12:22 IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड प्रांत का संघ शिक्षा वर्ग द्वितीय वर्ष देवभूमि हरिद्वार में लगा है, जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दो स्थानों पर संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष लगा है।

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आरएसएस का पथ संचलन।

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड प्रांत का संघ शिक्षा वर्ग द्वितीय वर्ष देवभूमि हरिद्वार में जारी है। 20 दिन तक चलने वाले इस वर्ग में गुरुवार को स्वयंसेवकों ने आरएसएस के गणवेश में पथ संचलन निकाला। वर्ग में शामिल होने विभिन्न जिलों से पहुंचे स्वयंसेवक शिक्षार्थी पथ संचलन में शामिल हुए। संचलन रानीपुर भेल सेक्टर 2 स्थित सरस्वती विद्या मंदिर से प्रारंभ होकर भगत सिंह चौक, चंद्राचार्य चौक, शंकर आश्रम, आर्यनगर होते हुए ज्वालापुर रेलवे फाटक, रेलवे स्टेशल, सेंटमेरी स्कूल मार्ग से होता हुआ पुन: सरस्वती विद्या मंदिर पहुंचा।

पथ संचलन का शहर में स्वागत 
पथ संचलन का शहर के नागरिकों द्वारा अलग अलग स्थानों पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। नागरिकों ने स्वयंसेवकों का अभिवादन भी किया। इस अवसर पर संघ शिक्षा वर्ग द्वितीय वर्ष के पालक एवं क्षेत्र प्रचार प्रमुख पदम सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पहचान अनुशासन है। अनुशासन के नाम से ही संघ को जाना जाता है। यह अनुशासन संघ  के स्वयंसेवकों के जीवन व्यवहार में दिखना चाहिए। पदम सिंह ने आगे कहा कि संघ के इस प्रशिक्षण वर्गों में स्वयंसेवक अनुशासन सीखकर जाते हैं। वर्ग में शिक्षार्थी ने क्या सीखा, ये बताने की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि उनके व्यवहार से यह बात पता चल जाती है।

दो स्थानों पर लग रहा है प्रथम वर्ष
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड प्रांत का संघ शिक्षा वर्ग द्वितीय वर्ष देवभूमि हरिद्वार में लगा है, जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दो स्थानों पर संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष लगा है। बुलंदशहर जनपद के खुर्जा स्थित सरस्वती विद्या मंदिर और मुजफ्फरनगर में प्रथम वर्ष लगा है।

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