- द्रविड़ मुनेत्र कड़गम सांसद कनिमोझी राष्ट्रवाद से हिंदी की तुलना करने पर भड़की
- कनिमोझी बोली- हिंदी की तुलना राष्ट्रवाद से करना शर्मनाक है
- कनिमोझी का आरोप- एयरपोर्ट पर एक CISF कर्मी ने उनसे हिंदी नहीं आने को लेकर भारतीय होने के संबंध पूछा सवाल
चेन्नई: चेन्नई हवाई अड्डे पर कथित तौर पर सीआईएसएफ के एक जवान द्वारा रोके जाने के तीन दिन बाद द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के सांसद कनिमोझी ने कहा कि कि यदि हिंदी की बराबरी राष्ट्रवाद से की जाती है तो यह शर्मनाक है। इससे पहले कनिमोझी ने आरोप लगाया था कि हवाई अड्डे पर एक सीआईएसफ कर्मी ने उनसे भारतीय होने के संबंध में सवाल पूछा क्योंकि उन्हें हिंदी नहीं आती। हालांकि बाद में सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कनिमोझी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि महिला अधिकारी से हुई आरंभिक पूछताछ में इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
मुझे नहीं आती हिंदी- कनिमोझी
कनिमोझी ने कहा कि शायद उन्हें हिंदी भाषाठीक से नहीं आती है, यह 'राष्ट्रवाद' के साथ तुलना करने का मुद्दा था। उन्होंने आरोप लगाया कि हिंदी की पहचान को बढ़ाने के लिए हिंदी को भारत में कई क्षेत्रीय भाषाओं में शामिल किया है। तमिलनाडु के ठूटुकुडी से लोकसभा सांसद ने कहा कि उन्होंने अपने स्कूल में कभी हिंदी का अध्ययन नहीं किया, न ही एक सांसद के रूप में दिल्ली आने के बाद भाषा सीखी।
कभी नहीं सीखी हिंदी
कनिमोझी ने बुधवार को चेन्नई हवाई अड्डे पर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, 'मुद्दा हिंदी जानने या न जानने का नहीं है। यह शर्मनाक है कि कि यदि मुझे हिंदी आती है तो मैं तभी भारतीय हो सकती हूं।' अपने अनुभव का जिक्र करते हुए, उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ द्वारा हमारी भावनाओं के अनुसार कार्रवाई करते हुए देखकर खुशी हुई। कनिमोझी ने कहा, 'सच तो यह है कि मुझे हिंदी नहीं आती। मैंने कभी अपने स्कूल में इसका अध्ययन नहीं किया, जहाँ केवल तमिल और अंग्रेजी पढ़ाई जाती थी। जब मैंने दिल्ली जाना शुरू किया, तब भी मैंने वह भाषा नहीं सीखी। 'उन्होंने कहा, भारत में कई जगहों पर, विशेषकर केंद्र सरकार के कार्यालयों में भाषा का गतिरोध बना हुआ है।
सीआईएसएफ ने कही ये बात
वहीं सीआईएसएफ की तरफ से कहा गया है कि नौ अगस्त को चेन्नई हवाई अड्डे पर जिस महिला अधिकारी ने सांसद से बात की, उसने पूछताछ के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों को बताया कि उसने 'वह शब्द नहीं कहे थे जो कनिमोझी कह रही हैं। बल्कि उसने केवल इतना ही कहा था कि हिंदी भी भारतीय या आधिकारिक भाषा है।' कनिमोझी ने घटना के बारे में ट्वीट कर हिंदी थोपे जाने का आरोप लगाया था।