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'वो जादू की गोली नहीं'; देश के 3 बड़े डॉक्टर आए सामने, कोरोना पर दिए कई सवालों के जवाब, आपका जानना जरूरी

Updated Apr 21, 2021 | 18:08 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

कोरोना वायरस के संकट के बीच देश के 3 बड़े डॉक्टर्स सामने आए और उन्होंने कोविड 19 से संबंधित कई सवालों के जवाब दिए हैं। डॉ. रणदीप गुलेरिया, डॉ. नरेश त्रेहान और डॉ. देवी शेट्टी ने कई अहम बातें बताई हैं।

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कोरोना को लेकर कई सवालों के जवाब दिए गए

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है। लोगों के अंदर से जो भय पिछले कई महीनों से खत्म हो गया था, वो अब फिर से पनपने लगा है। इसी के चलते एम्स डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया, नारायण हेल्थ के चेयरमैन डॉ. देवी शेट्टी और मेदांता के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहान तीनों ने मिलकर देश में कोविड 19 से संबंधित मुद्दों को संबोधित किया है।

डॉ. देवी शेट्टी ने कहा, 'यदि आपको शरीर में दर्द, सर्दी, खांसी, अपच, उल्टी जैसे कोई लक्षण हैं, तो मेरा एक महत्वपूर्ण संदेश है कि खुद का कोविड 19 टेस्ट करवाएं। यह सबसे महत्वपूर्ण बात है। यदि आप पॉजिटिव हैं, तो डॉक्टर को दिखाएं और उनकी राय लें। घबराएं नहीं कोविड 19 अब आम है। यह एक समस्या है जिसे हल किया जा सकता है बशर्ते आपको प्रारंभिक अवस्था में चिकित्सा सहायता प्राप्त हो और डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें।'

'सही समय पर सही उपचार मिले'

उन्होंने कहा कि एक संभावना है कि आपमें लक्षण न हो, फिर डॉक्टर आपको घर पर रहने को कहेंगे, खुद को आइसोलेट करिए, मास्क पहने रहिए और हर 6 घंटे में अपने ऑक्सीजन के स्तर की जांच करते रहिए। अगर आपका O2 लेवल 94% से ऊपर है तो कोई समस्या नहीं है। लेकिन अगर यह गिर रहा है, तो आपको डॉक्टर को कॉल करने की आवश्यकता है। यह महत्वपूर्ण है कि आपको सही समय पर सही उपचार मिले। 

'रेमडेसिविर कोई रामबाण नहीं'

डॉ. नरेश त्रेहान ने कहा, 'कम प्रतिशत लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है। अस्पताल के बेड का उपयोग विवेकपूर्ण और जिम्मेदारी के साथ किया जाना चाहिए। यह जिम्मेदारी हम सभी पर टिकी हुई है। हमने अब एक प्रोटोकॉल बनाया है, जिसमें रेमडेसिविर सभी को नहीं दिया जाएगा। डॉक्टरों के देखने के बाद और उनके अनुसार कहने पर ही यह दिया जाना है। रेमडेसिविर कोई 'रामबाण' नहीं है, यह केवल उन लोगों में वायरल लोड को कम करता है जिन्हें इसकी आवश्यकता होती है।'

उन्होंने कहा कि अगर हम विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करने की कोशिश करें तो आज हमारे पास पर्याप्त ऑक्सीजन है। मैं जनता को बताना चाहता हूं कि अगर आपको ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है तो इसका इस्तेमाल न करें। ऑक्सीजन की बर्बादी केवल उस व्यक्ति को वंचित करेगी, जिसे इसकी आवश्यकता है।

'रेमडेसिविर जादू की गोली नहीं'

डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा, 'कोविड में 85% से अधिक लोग रेमडेसिविर आदि किसी भी विशिष्ट उपचार के बिना ठीक हो जाएंगे। अधिकांश में सामान्य सर्दी, गले में खराश आदि जैसे लक्षण होंगे। 5-7 दिनों में वे उपचार के साथ ठीक हो जाएंगे। केवल 15% मॉडरेट डिसेज के लिए जा सकते हैं। यह समझना महत्वपूर्ण है कि हम में से अधिकांश जो घर में आइसोलेट या अस्पताल में हैं वो घबराहट की वजह से हैं, वास्तव में किसी विशिष्ट उपचार की आवश्यकता नहीं है। केवल कुछ प्रतिशत के लिए रेमडेसिविर की आवश्यकता होती है। इसे जादू की गोली मत समझो।

वैक्सीन के बाद भी मास्क जरूरी

उन्होंने कहा कि एक देश के रूप में यदि हम एक साथ काम करते हैं और ऑक्सीजन और रेमडेसिविर का विवेकपूर्ण उपयोग करें तो कहीं भी कोई कमी नहीं होगी। उन लोगों की संख्या के संदर्भ में जिन्हें ऑक्सीजन और ऑक्सीजन की आपूर्ति की आवश्यकता है, हम अच्छी तरह से संतुलित हैं। वैक्सीन आपकी बीमारी को गंभीर बीमारी के रूप में बदलने से रोकती है। यह आपको संक्रमित होने से नहीं रोक सकती है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि टीका के बाद भी हम पॉजिटिव हो सकते हैं, इसलिए वैक्सीन के बाद भी मास्क पहनना महत्वपूर्ण है।

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