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China's New Plan: ड्रैगन का नया हाईवे प्लान, 2035 तक एलएसी पर सड़क बनाना चाहता है चीन 

शिवानी शर्मा | Deputy News Editor
Updated Jul 21, 2022 | 18:18 IST

Dragon's new highway plan: G695 हाईवे भी इसी प्लान का हिस्सा है। ये सड़क एलएसी के उत्तरी भाग से निकाली जाने का प्लान है जो भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद वाले कई इलाकों से होकर गुजरेगी।

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प्रतीकात्मक फोटो

एलएसी पर चीन की नई चालबाज़ी सामने आई है। पैंगोंग त्सो में पुल और भूटान में गांव बनाने के बाद अब चीन एलएसी पर नई सड़क बनाना चाहता है। इस सड़क का नाम रखा गया है G695 हाईवे। ये नई सड़क चीन के नेशनल हाईवे प्लान का हिस्सा है जिसके तहत 2035 तक 345 नए प्रोजेक्ट पूरे करने की बात की जा रही है। इस नए नेशनल प्रोग्राम के ज़रिए चीन 461, 000 किलोमीटर या 286,400 मील लम्बी हाईवे बनाने की तैयारी में है।

चीन पिछले कुछ महीनों से एलएसी के नज़दीक अपने ट्रूप्स और साजो सामान को तेज़ी से डिप्लॉय करने के लिए बॉर्डर पर लगातार नए निर्माण कर रहा है। भारत ने भी अपनी सीमा में नई सड़कें, पुल और हेलीपैड बनाए हैं। 

एलएसी के नज़दीक इस नई सड़क के ज़रिए चीन इन इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत बनाना चाहता है।  तिब्बत में लुंज़े काउंटी से शिनजियांग में माझा तक चलने वाला ये राजमार्ग, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विवादित भारत-तिब्बत सीमा के  उत्तर में स्थित है । इस प्रस्तावित हाईवे के रूट पर पड़ने वाली कम्बा काउंटी, वही जगह है जहां चीन का एक बड़ा सैन्य शिविर भी है। 

प्लान के मुताबिक़ ये चीनी सड़क नेपाल सीमा के पास ग्यारोंग काउंटी से भी गुजरेगी

चीनी अख़बार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले हफ्ते जारी किए गए नेशनल प्रोग्राम के मुताबिक़ चीन ने अगले तेरह सालों में  तीन सौ से ज्यादा नए निर्माण पूरे करने की योजना बनाई है। एससीएमपी की रिपोर्ट के मुताबिक़ भारतीय सीमा से सटा यह हाईवे तिब्बत, नेपाल और भारत के बीच बुरांग काउंटी के साथ-साथ नगारी प्रान्त में ज़ांडा काउंटी से भी गुजरेगा, जिसके कुछ हिस्से भारत के पास हैं।

नए निर्माण प्लान का पूरा विवरण फिलहाल स्पष्ट नहीं किया गया है

लेकिन दावा किया जा रहा है कि ये सड़क पूरी होने पर, एलएसी पर देपसांग मैदान, गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग्स जैसे उन विवादित क्षेत्रों के पास से भी गुजर सकती है जिन्हे लेकर भारत और चीन बातचीत कर रहे हैं। 17 जुलाई को दोनो देशों के बीच हुई 16वें दौर की वार्ता के बाद अब तक इन इलाकों से डिसेंगेजमेंट को लेकर कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। हाल ही में जारी की गई सैटेलाइट इमेजरी में पाया गया है कि पैंगोंग झील पर दो नए पुलों के बाद अब चीन तेज़ी से डोकलम के पास नए गांवों का निर्माण कर रहा है। ऐसे में नए हाईवे प्रोजेक्ट के जरिए एलएसी पर चीन की नई सड़क का प्लान भारत के  लिए तनाव पैदा कर सकता है।

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