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शपथ से पहले द्रौपदी मुर्मू का मिला फटा होर्डिंग, BJP वालों की शिकायत पर हो गया केस

Updated Jul 25, 2022 | 08:01 IST

मुर्मू ने निर्वाचक मंडल सहित सांसदों और विधायकों के 64 प्रतिशत से अधिक वैध वोट प्राप्त किए और भारी मतों के अंतर से चुनाव जीता। उनको सिन्हा के 3,80,177 वोटों के मुकाबले 6,76,803 वोट मिले।

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तस्वीर साभार:&nbspIANS
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है।
मुख्य बातें
  • द्रौपदी मुर्मू ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराकर इतिहास रचा
  • आजादी के बाद पैदा होने वाली पहली और शीर्ष पद पर काबिज होने वाली सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति
  • 64 साल की मुर्मू राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी महिला भी, होंगी 15वीं राष्ट्रपति

राष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचित हुईं द्रौपदी मुर्मू को बधाई देने वाला फटा होर्डिंग मिलने पर केस दर्ज हो गया। यह मामला महाराष्ट्र के वसई शहर का है, जहां रविवार (25 जुलाई, 2022) को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं को मुर्मू से जुड़ा यह होर्डिंग फटा पाया। उनकी शिकायत पर पुलिस ने इस सिलसिले में एक मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। 

समाचार एजेंसी पीटीआई को एक अफसर ने बताया कि भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से पालघर जिले में वसई के मानिकपुर थाने में एक शिकायत दी गई। अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। मुर्मू की तस्वीर वाला होर्डिंग फटा हुआ पाया गया। हालांकि, मामले में फिलहाल (खबर लिखे जाने तक) कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।

सबसे बड़े लोकतंत्र की पहली आदिवासी राष्ट्रपति
ओडिशा के मयूरभंज के बैदापोसी गांव में जन्मीं मुर्मू संथाल परिवार से हैं। दादा-पिता दोनों ही उनके गांव के प्रधान रहे। वह कुसुमी तहसील के गांव उपरबेड़ा में एक स्कूल से पढ़ी हैं। वह देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी। महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने के साथ साथ वह देश की कुल आबादी के साढ़े आठ फीसदी से कुछ ज्यादा आदिवासी समुदाय का प्रतिनिधित्व करती हैं, लेकिन जनजाति की बात करें तो वह संथाल जनजाति से ताल्लुक रखती हैं। भील और गोंड के बाद संथाल जनजाति की आबादी आदिवासियों में सबसे ज़्यादा है।

आदिवासियों को सशक्तिकरण पर खासा आस 
मुर्मू से झारखंड के आदिवासियों के बीच काफी उम्मीदें हैं। वे ‘‘सदियों की उपेक्षा’’ के बाद अपने सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त होने को लेकर आशांवित हैं। वे इस बात के लिए भी आशान्वित हैं कि राज्य की पूर्व राज्यपाल मुर्मू आदिवासियों की इस पुरानी मांग को पूरा करने के लिए कदम उठाएंगी कि केंद्र उनके धर्म को 'सरना' के तौर पर मान्यता दे और अगली जनगणना में इस श्रेणी के तहत उनकी गणना सुनिश्चित करे। 

कूड़े में मिला था PM-CM का फोटो, सफाई वाला कर दिया गया था बर्खास्त 
वैसे, कुछ रोज पहले उत्तर प्रदेश के मथुरा के जनरलगंज क्षेत्र में में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें कथित रूप से कूड़ा गाड़ी से ले जाने से जुड़ा एक वीडियो सामने आया था। यह क्लिप खूब वायरल हुई थी, जिसके बाद नगर निगम से सफाईकर्मी बॉबी को बर्खास्त कर दिया था। हालांकि, बाद में उसे बहाल भी कर दिया गया। पूरी स्थिति और सफाईकर्मी के साथ परिवार की मांग पर पर विचार के बाद उसे चेतावनी देते हुए फिर काम पर ले लिया गया। (भाषा इनपुट्स के साथ) 

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