नई दिल्ली: लॉकडाउन में विदेश में तमाम भारतीय फंसे हुए हैं और वो लंबे समय से भारत में वापसी की बाट जोह रहे हैं मगर वो संभव नहीं हो पा रही थी क्योंकि भारत में फ्लाइट ऑपरेशन्स पर रोक लगी थी, वहीं अब जाकर 7 मई से ये सिलसिला शुरु हुआ है और भारतीय अब तमाम मुल्कों में जहां वो फंसे हैं उनकी वापसी हो रही है, इसी क्रम में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से भारतीय स्वदेश वापसी कर रहे हैं।
वहीं संयुक्त अरब अमीरात में एक भारतीय मूल के एक विजनेस टाइकून सुरेश कृष्णमूर्ति और उनके परिवार पर भारत में अपने किसी परिवारीजन के अंतिम संस्कार के नाम पर गुमराह कर स्वदेश वापसी में भेदभाव का आरोप लगा है।
बताया जा रहा है कि सुरेश ने कोच्चि में अपने किसी परिजन के अंतिम संस्कार की बात कहकर अपने परिवार को जल्दी भेजने को कहा और ऐसा हुआ भी ये बात यूएई बेस्ड एक एक्टिविस्ट अशरफ थमारासेरी ने सामने लाई है।
वीवीआईपी नस्लवाद पर अशरफ थमारासेरी ने 'टाइम्स नाउ' को बताया कि ये गलत है अधिकारियों को उन लोगों को यात्रा सेवाएँ प्रदान करनी चाहिए जिनकी वास्तव में उन्हें जरूरत है।
वहीं बताया जा रहा है कि 'वीवीआईपी भेदभाव' पर सरकार के सूत्रों का कहना है कि विजनेस टाइकून ने बीमार पिता के बारे में जानकारी दी थी उन्होंने बताया था कि उनके पिता को 'कैंसर' है।
गौरतलब है कि फंसे हुए हजारो भारतीय स्वदेश वापसी के लिए मारामारी कर रहे हैं इसमें तमाम बीमार लोग हैं, गर्भवती स्त्रियां है, बुजुर्ग हैं बच्चे हैं मगर आरोप है उन्हें दरकिनार कर सुरेश और उनके परिजनों को भारत आने दिया गया।