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Earthquake: झारखंड के जमशेदपुर और कर्नाटक के हम्पी में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.7 और 4

Earthquake in Hampi and Jamshedpur
Updated Jun 05, 2020 | 07:47 IST

Earthquake: झारखंड के जमशेदपुर और कर्नाटक के हम्पी में आज सुबह 6 बजकर 55 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। जमशेदपुर में तीव्रता 4.7 थी तो हम्पी में 4.0 थी।

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Earthquake in Hampi and JamshedpurEarthquake in Hampi and Jamshedpur
झारखंड-कर्नाटक में भूकंप
मुख्य बातें
  • पिछले कुछ दिनों में लगातार आए भूकंप के झटके
  • 2 दिन पहले नोएडा में भी लगे भूकंप के झटके
  • हर साल 10 हजार से ज्यादा बार भूकंप आते हैं: जानकार

नई दिल्ली: आज सुबह 6 बजकर 55 मिनट पर झारखंड के जमशेदपुर और कर्नाटक के हम्पी में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। जमशेदपुर में रिक्टर स्केल पर 4.7 की तीव्रता के साथ भूकंप आया। वहीं कर्नाटक में हम्पी में रिक्टर स्केल पर 4.0 की तीव्रता के साथ भूकंप आया। 

एक के बाद एक भूकंप के झटके

इससे पहले 3 जून की सुबह भारत-बांग्‍लादेश सीमा क्षेत्र में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.3 मापी गई। वहीं बुधवार रात करीब 10 बजकर 42 मिनट पर दक्षिण पूर्व नोएडा में भूकंप के हल्के झटके दर्ज किए गए।  रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.2 मापी गई। बड़ी बात यह है कि पिछले आठ हफ्तों में यह सातवां केस है जब दिल्ली और एनसीआर के नीचे की धरती डोली है। देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में इससे पहले बीते सप्‍ताह भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। मणिपुर में एक के बाद एक दो झटके 13 मिनट के अंतराल पर दर्ज किए गए थे, जिसकी तीव्रता रिक्‍टर पैमाने पर 5.5 महसूस की गई थी। इसका केंद्र मोइरांग शहर से 13 किलोमीटर दूर विष्णुपुर जिले में था। 

10 हजार भूकंप में से कुछ बेहद खतरनाक

भूकंप का आना एक सामान्य घटना है। जानकार कहते हैं कि हर वर्ष 10 हजार से ज्यादा भूकंप दस्तक देते हैं लेकिन ज्यादातर भूकंप समंदर में आते हैं लिहाजा पता नहीं चलता है। कुछ जलजलों की ओरिजिन इतनी नीचे होती है कि शॉक तरंगे महसूस नहीं होती है। कुछ ही जलजले ऐसे होते हैं जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर आठ से अधिक होती है। खासतौर से प्लेट जिसके ऊपर धरती है जब वो आपस में मिलती हैं या एक दूसरे से दूर होती हैं तो भूंकप की आशंका बढ़ जाती है। खासतौर से प्लेटों के आपसी टकराव से ऊर्जा निकलती है और वो तरंगों के रूप में धरती के सतह तक आ जाती है। 

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