- झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ीं
- ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग ने भेजी रिपोर्ट
- सोरेन पर सीएम पद पर रहते हुए खुद के नाम कोयला खदान आवंटित करने का है आरोप
Hemant Soren News: ऑफिस ऑफ प्रोफिट के मामले को लेकर चुनाव ने राज्यपाल को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। सूत्रों की मानें तो हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता जा सकती है। सीलबंद लिफाफे में चुनाव आयोग ने ये रिपोर्ट राज्यपाल को भेजी है। सूत्रों के मानें तो चुनाव आयोग ने लाभ के पद के इस मामले में सोरेन की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। अगर सोरेन की सदस्यता जाती है तो फिर उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी जाना लगभग तय है। दरअसल सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने सीएम रहते हुए अपने नाम पर कोयले की खादान को आवंटित कर दिया था। इतना ही नहीं उनके कुछ करीबियों पर शेल कंपनी के जरिए निवेश का आरोप भी है।
सोरेन के वकीलों का दावा
हालांकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के वकीलों ने अपनी दलील में दावा किया है कि यह मामला लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9ए के अधीन आता ही नहीं है। यह भी दलील दी गई है कि रांची के अनगड़ा में स्टोन माइनिंग के लिए आवंटित 88 डिसमिल जमीन पर किसी तरह का व्यवसायिक काम नहीं हुआ है। दूसरी तरफ भाजपा की दलील है कि खान मंत्री रहते हुए उन्होंने अपने नाम पर खनन पट्टा आवंटित किया था।
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बढ़ रही हैं सोरेन की मुश्किलें
आपको बता दें कि इन दिनों हेमंत सोरन लगातार मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं। बुधवार को ही उनके करीबी के घर से दो AK47 राइफलें मिली थी। भाजपा ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ही यहां के गृहमंत्री भी हैं, ऐसे में यदि राज्य पुलिस के जवानों की एके 47 राइफलें और 60 गोलियां एक आरोपी के पास से बरामद होती हैं तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उनकी ही बनती है। वहीं सोरेन ने केन्द्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि आज देश का आम नागरिक हतोत्साहित है, हर वक्त सिर्फ राजनीतिक बिसात, राजनीतिक षड्यंत्र की बात हो रही है।
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