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IAS Pooja Singhal:मनी लॉड्रिंग मामले में ED ने झारखंड की IAS अधिकारी पूजा सिंघल को किया तलब 

Updated May 09, 2022 | 18:00 IST

ED summons IAS officer Pooja Singhal: जांच एजेंसी ने छह मई को झारखंड और कुछ अन्य स्थानों पर आईएएस अधिकारी, उनके कारोबारी पति अभिषेक झा और अन्य के खिलाफ छापेमारी के दौरान सिंघल से संक्षिप्त पूछताछ की थी, एजेंसी ने उनके पति से भी पूछताछ की थी।

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झारखंड की खनन सचिव पूजा सिंघल को प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को अपने कार्यालय में बुलाया है

नयी दिल्ली: मनरेगा निधि के कथित गबन और अन्य आरोपों से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए झारखंड की खनन सचिव पूजा सिंघल (Pooja Singhal) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को रांची में अपने कार्यालय में बुलाया है।

अधिकारियों ने बताया कि साल 2000 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी से रांची में केंद्रीय एजेंसी के जोनल कार्यालय में जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने को कहा गया है। अधिकारियों ने कहा कि सिंघल का बयान धनशोधन (निवारण) अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज किया जाएगा। 

IAS Pooja Singhal news: आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल का विवादों में रहा है सफर, अब ईडी और जांच एंजेसियों के घेरे में हैं

ईडी की जांच धनशोधन के एक मामले से संबंधित है जिसमें झारखंड सरकार के एक पूर्व कनिष्ठ अभियंता राम बिनोद प्रसाद सिन्हा को एजेंसी ने 17 जून, 2020 को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया था। सिन्हा के खिलाफ राज्य सतर्कता ब्यूरो की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद 2012 में एजेंसी ने उसके खिलाफ पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था।

सार्वजनिक धन के गबन और परिवार के सदस्यों के नाम पर निवेश का है आरोप

सिन्हा पर भारतीय दंड संहिता की आपराधिक धाराओं के तहत धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार से संबंधित आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। उस पर आरोप है कि एक अप्रैल 2008 से 21 मार्च 2011 तक कनिष्ठ अभियंता रहते हुए उसने सार्वजनिक धन का गबन किया और इसका अपने तथा अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर निवेश किया। 

सिन्हा ने ईडी को बताया कि उसने जिला प्रशासन को 'पांच प्रतिशत कमीशन' दिया था

एजेंसी ने पहले कहा था कि उक्त धनराशि खूंटी जिले में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत सरकारी परियोजनाओं के निष्पादन के लिए निर्धारित की गई थी। सिन्हा ने ईडी को बताया कि उसने जिला प्रशासन को 'पांच प्रतिशत कमीशन' दिया था। ईडी ने कहा है कि सिंघल के खिलाफ तब 'अनियमितताओं' के विभिन्न आरोप लगाए गए थे जब वह 2007-2013 के बीच चतरा, खूंटी और पलामू की उपायुक्त/जिलाधिकारी थीं।

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