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बाढ़ का असर, असम के सिलचर में श्मशान- कब्रिस्तान में डूबे, अंतिम क्रिया कर्म में परेशानी

Updated Jun 25, 2022 | 09:01 IST

असम के ज्यादातर जिले बाढ़ का सामना कर रहे हैं। लेकिन सिलचर की तस्वीर ज्यादा खराब है। बाढ़ की वजह से लोगों को अंतिम क्रिया कर्म में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
असम के सिलचर में श्मशान- कब्रिस्तान में डूबे, अंतिम क्रिया कर्म में परेशानी
मुख्य बातें
  • असम में बाढ़ का कहर
  • सिलचर में लोगों को ज्याजा परेशानी
  • अंतिम संस्कार में आ रही मुश्किल, बाढ़ में श्मशान और कब्रिस्तान डूबे

असम के सिलचर शहर के निवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि बाढ़ के कारण सभी श्मशान और कब्रिस्तान पानी में डूब गए हैं।लोग इमारतों में अपनों के बेजान शवों के साथ बेसब्री से मदद की तलाश में इंतजार कर रहे थे। कुछ लोग शवों को कब्रगाह की तलाश में अस्थायी नावों में ले जा रहे थे।

सिलचर में हालात ज्यादा खराब
जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और वायु सेना के संचयी प्रयासों के बावजूद अब तक नागरिकों को कोई राहत नहीं मिली है।बराक नदी के जलस्तर में मामूली कमी के बावजूद बाढ़ की स्थिति जस की तस बनी हुई है।सिलचर के नागरिकों को अभी भी पीने के पानी और भोजन की सख्त जरूरत है, उनमें से हजारों अभी भी इमारतों के अंदर फंसे हुए हैं और निचली मंजिल पूरी तरह से जलमग्न है।हालांकि जिला प्रशासन राहत सामग्री के पैकेट गिराने की कोशिश कर रहा है, लेकिन नागरिक उन्हें इकट्ठा नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि सादे छतों या उन्हें गिराने के लिए जमीन की कमी के कारण पैकेज पानी पर गिरते दिखाई दे रहे हैं।सेना, सीआरपीएफ, बीएसएफ, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ बचाव कार्य जारी रखे हुए हैं।

ड्रोन के जरिए निगरानी
एकीकृत ड्रोन निर्माण और ड्रोन-एस-ए-सर्विस (डीएएएस) प्रदाता गरुड़ एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड ने असम में जारी बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति के बीच राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के बचाव प्रयासों का समर्थन करने के लिए अपने ड्रोन तैनात किए हैं।गरुड़ एयरोस्पेस के संस्थापक और सीईओ अग्निश्वर जयप्रकाश ने कहा कि ड्रोन का इस्तेमाल जीवित बचे लोगों और पीड़ितों को आपातकालीन भोजन और दवाओं के पैकेट पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।गरुड़ एयरोस्पेस में एक उन्नत बेड़े प्रबंधन सॉफ्टवेयर है जिसका उपयोग बचाव प्रयासों में भी किया जाएगा।

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