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शिंदे पूरा करेंगे PM मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट ! जानें कैसे राजनीति पड़ गई भारी

Updated Jul 04, 2022 | 18:24 IST

Bullet Train Project in India: साल 2015 में भारत में पहली बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलाने का ऐलान किया गया। और इसके लिए 2017 में शिलान्यास किया गया। प्रोजेक्ट को जापान सरकार के सहयोग से बनाया जा रहा है।

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फाइल फोटो: बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को मिल सकती है रफ्तार
मुख्य बातें
  • पहले बुलेट ट्रेन का काम 2022 में पूरा होने की उम्मीद थी।
  • हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि 2026 में बुलेट ट्रेन चल सकती है।
  • महाराष्ट्र में करीब 29 फीसदी भूमि अधिग्रहण का अटका हुआ है।

Bullet Train Project in India: महाराष्ट्र के नए सीएम एकनाथ शिंदे ने बहुमत साबित कर दिया है। और अब सबकी नजर मोदी सरकार के सबसे ड्रीम प्रोजेक्ट पर शिंदे सरकार के अगले कदम की है।  ऐसा इसलिए है कि जिस तरह एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही उद्धव सरकार के आरे मेट्रो कार शेड को पलटा है, उससे अब बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को रफ्तार मिलने की पूरी संभावना है। क्योंकि उद्धव और फडणवीस के बीच नाक की लड़ाई बन चुके आरे मेट्रो कार शेड से बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का भी कनेक्शन है। जो कि अपने ओरिजिलन टाइमलाइन से करीब 4 साल पीछे चल रही है। और उसकी एक बड़ी वजह महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में आ रही देरी है।  अब एक बार फिर राज्य में भाजपा के समर्थन वाली सरकार है, ऐसे में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर जल्द बड़े फैसले की संभावना है।

2015 में बुलेट ट्रेन का हुआ था ऐलान

साल 2015 में भारत में पहली बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलाने का ऐलान किया गया। और इसके लिए 2017 में शिलान्यास किया गया। प्रोजेक्ट को जापान सरकार के सहयोग से बनाया जा रहा है। उस वक्त ऐसी उम्मीद जताई गई थी कि अगस्त 2022 में देश की पहली बुलेट ट्रेन चलेगी। लेकिन अब यह डेडलाइन 2026 पहुंच गई है। जून में प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था ' उन्हें भरोसा है कि 2026 में गुजरात के सूरत और बिलिमोरा के बीच देश की पहली बुलेट ट्रेन चलाने का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा । 

हालांकि रेल मंत्री ने महाराष्ट्र में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर हो रहे काम पर कहा कि वहां भूमि अधिग्रहण में समस्याओं के कारण काम धीमा  है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र को प्रोजेक्ट पर सहयोग  की भावना से काम करना चाहिए।' साफ है कि रेल मंत्री महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर निशाना साध रहे थे। अब रेल मंत्री ने ऐसा क्यों कहा तो यह बुलेट ट्रेन के लिए बनाई गई कंपनी NHSRCL के आंकड़ों से साफ हो जाती है।

महाराष्ट्र में जमीन अधिग्रहण का अटका है काम 

अहमदाबाद-मुंबई के बीच  12 स्टेशन बनाए जाने हैं। और करीब 520 किलोमीटर के लिए ट्रैक और दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाना है। पूरी परियोजना गुजरात, मुंबई और दादर नगर हवेली से होकर गुजरेगी। इस पर करीब 1.1 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके लिए 81 फीसदी राशि जापान सरकार के सहयोग से जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) देगी । और पूरे प्रोजेक्ट के लिए करीब 1396 हेक्टेअर जमीन की जरूरत है। जिसमें 98 फीसदी से ज्यादा गुजरात और 100 फीसदी भूमि अधिग्रहण का काम दादर नगर हवेली में पूरा हो गया है। जबकि करीब 29 फीसदी भूमि अधिग्रहण का काम महाराष्ट्र में अटका हुआ है।  प्रोजेक्ट के तहत 520 किलोमीटर में से 352 किलोमीटर हिस्सा गुजरात और दादर नगर हवेली क्षेत्र में आता है। जहां पर दिसंबर 2020 से निर्माण काम शुरू है।

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राजनीति भारी

असल में जिस तरह महाराष्ट्र में आरे मेट्रो शेड भाजपा और शिव सेना के बीच नाक की लड़ाई बना, उसका असर बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर भी पड़ा है। आरे मेट्रो शेड फडणवीस सरकार ने आरे कालोनी में मेट्रो शेड बनाने के लिए शुरू किया था। लेकिन आरे कॉलोनी में मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए कार शेड बनाने के के लिए 2,000 से ज्यादा पेड़ों को काटा जाना था। जिसका विरोध फडणवीस सरकार में रहते हुए उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे सहित पर्यावरणविद, बॉलीवुड से जुड़े लोगों और स्थानीय लोगों ने किया। जिसके बाद जब 2019 में उद्धव सरकार बनी तो उसने आरे मेट्रो कार शेड को शिफ्ट कर कांजूरमार्ग में करने का फैसला किया। और अब शिंदे सरकार ने फिर से इसे आरे में शिफ्ट कर दिया है। 

ऐसे में अब चूंकि राज्य में एक बार फिर भाजपा के सहयोग से एकनाथ शिंदे की सरकार है, तो संभावना है कि जल्द ही बुलेट ट्रेन के लिए अधिग्रहण के काम में रफ्तार आ सकती है। 

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