- चुनाव आयोग ने किया लोजपा के चुनाव चिह्न को जब्त
- चिराग पासवान और पशुपति पारस कोई भी नहीं कर सकेंगे 'बंगले' का इस्तेमाल
- चिराग पासवान ने आयोग से की थी चुनाव चिह्न को खुद को आवंटित करने की दरख्वास्त
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाते हुए राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के चुनाव चिह्न को जब्त कर लिया है। चुनाव आयोग ने बयान जारी करते हुए कहा, "लोक जनशक्ति पार्टी के दो धड़ों- पासवान और चिराग किसी भी गुट को लोजपा के चुनाव चिह्न का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दोनों गुटों को अंतरिम उपाय के रूप में, उनके समूहों के नाम और उनके उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न आवंटित किए जा सकते हैं।'
चिराग ने किया था दावा
दरअसल लोक जनशक्ति पार्टी (चिराग समूह) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर दावा किया था कि पार्टी का बंगला चुनाव चिन्ह है। वहीं चिराग के चाचा और लोजपा (पशुपति पारस समूह) ने भी इस चिह्न पर दावा ठोका था। चिराग पासवान ने आयोग से पशुपति पारस गुट के दावे को खारिज करने का अनुरोध किया था और कहा था कि उन्होंने अवैध रूप से पार्टी को अपने कब्जे में लिया था।
चिराग के लिए झटका
दरअसल बिहार में अक्टूबर में विधानसभा के उपचुनाव होने वाले हैं। इसको लेकर लोजपा भी इसमें उम्मीदवारों उतारने का फैसला कर रही थी। इसके पहले भारत निर्वाचन आयोग ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे लोजपा को काफी असर पड़ने वाला है। ऐसे में जब केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने लोजपा के चुनाव चिन्ह यानी की ‘बंगले’ पर रोक लगा दी है तो इस रोक के बाद चिराग पासवान और पशुपति पारस, दोनों में से कोई भी गुट इस चुनाव चिन्ह पर दावेदारी नहीं साबित कर सकेगा।