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Hemant Soren:झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की अयोग्यता पर जल्द आएगा चुनाव आयोग का फैसला

गौरव श्रीवास्तव | कॉरेस्पोंडेंट
Updated Aug 22, 2022 | 22:28 IST

disqualification of Hemant Soren: चुनाव आयोग के साथ सुप्रीम कोर्ट ने भी जनप्रतिनिधि अधिनियम-1951 की धारा 9A के तहत लाभ का पद से जुड़े नियमों के उल्लंघन को लेकर सुनवाई की जो अब पूरी हो चुकी।

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सीएम हेमंत सोरेन की ओर से आयोग में आरोप को निराधार बताया गया है

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अयोग्यता के मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग इस हफ्ते तक फैसला ले सकती है। चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक झारखंड के राज्यपाल को भेजने के लिए रिपोर्ट का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। और अब उस रिपोर्ट पर आखिरी दौर का बदलाव चल रहा है। ऐसे में ये उम्मीद की जा रही है कि इस हफ्ते में कभी भी राज्यपाल को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। हेमंत सोरेन की सदस्यता खतरे में पड़ने की आशंका जताई जा रही है।

इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट(लाभ के पद) के मामले में चुनाव आयोग में सभी पक्षों की तरफ से 18 अगस्त को लिखित दलीलें दाखिल कर दी गई थी।

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वहीं दूसरी तरफ सीएम हेमंत सोरेन की ओर से आयोग में आरोप को निराधार बताया गया है। आयोग से कहा गया है कि कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर लगे जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 9A का आरोप निराधार है।

लाभ के पद का है मामला

सूचना के अधिकार के तहत एक्टिविस्ट शिव शर्मा ने जो सूचनाएं हासिल की उसके आधार पर दो जनहित  याचिकाएं दायर कर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय से एक माइनिंग घोटाले की जांच कराने की मांग की थी। आरोप है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन पट्टे और फर्जी कंपनियों में उनकी और उनके करीबियों की हिस्सेदारी है। सीएम हेमंत सोरेन ने अपने पद का दुरुपयोग कर एक खदान अपने नाम आवंटित करवा ली। 

भाजपा ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत की थी

इन्हीं आरोपों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का आरोप लगाते हुए राज्यपाल से लिखित शिकायत की थी। जिसके बाद राज्यपाल ने भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष शिकायत पत्र को भेजा था। निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में मुख्य सचिव से रिपोर्ट तलब करने करने के बाद इसकी सुनवाई शुरू की थी।

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