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एक बार फिर टला कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव, इस बार कोरोना वजह, सोनिया गांधी बनी रहेंगी अंतरिंम अध्यक्ष

Updated May 10, 2021 | 16:55 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए जून में प्रस्तावित चुनाव को कोरोना महामारी की गंभीर स्थिति के मद्देनजर स्थगित कर दिया गया है और फिलहाल सोनिया गांधी ही पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाती रहेंगी।

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सोनिया गांधी

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव एक बार फिर टल गए हैं। कांग्रेस कार्य समिति (CWC) ने सोमवार को बैठक की, जिसमें तारीख तय करने के बावजूद मतदान स्थगित कर दिया गया। सूत्रों के अनुसार, सीडब्ल्यूसी लंबे समय से लंबित आंतरिक चुनाव 23 जून को कराने के बारे में विचार कर रही थी। हालांकि, कोरोना महामारी की गंभीर स्थिति के मद्देनजर स्थगित कर दिया गया।

2019 के लोकसभा चुनावों में हार के बाद राहुल गांधी के इस्तीफा देने के बाद से कांग्रेस अध्यक्ष का पद खाली है। इसके बाद सोनिया गांधी को पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

हार पर मंथन की जरूरत

CWC की बैठक के दौरान पार्टी आलाकमान ने हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन और देश में कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा की। पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के हालिया विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन को निराशाजनक करार देते हुए पिछले सप्ताह कहा था कि इस हार से सबक लेने की जरूरत है। पार्टी की चुनावों में पराजय का कारण बने हर पहलू पर गौर करने के लिए छोटा समूह गठित किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'हमें खुले दिमाग से यह समझने की जरूरत है कि कांग्रेस केरल और असम में मौजूदा सरकारों को हटाने में विफल क्यों रही और पश्चिम बंगाल में खाता क्यों नहीं खोल पाई।'

तीसरी बार टला चुनाव

सीडब्ल्यूसी ने तीन बार कांग्रेस अध्यक्ष के लिए चुनाव स्थगित कर दिया है। सीडब्ल्यूसी से पिछले साल अगस्त में चुनाव की घोषणा करने की उम्मीद थी। हालांकि, बैठक के बाद समिति ने बीमार सोनिया गांधी को अगले छह महीनों के लिए अंतरिम प्रमुख बने रहने के लिए कहा। बैठक में CWC ने एक नया अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए फरवरी तक आंतरिक चुनाव कराने का संकल्प लिया था। लेकिन, फरवरी में उसने पांच विधानसभा चुनावों तक चुनाव को आगे बढ़ाने का फैसला किया।

विद्रोह की स्थिति

पिछले कुछ महीनों से पार्टी आलाकमान को एक विद्रोह की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है और अध्यक्ष पद के लिए आंतरिक चुनावों की घोषणा करने का दबाव है। G-23 के रूप में जाने जाने वाले विद्रोही नेता पार्टी में सुधारों पर जोर दे रहे हैं, जिनमें आंतरिक पार्टी लोकतंत्र की बात की जा रही है।
 

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