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केरल की चुनावी लड़ाई में पैर छूने की एंट्री, ई श्रीधरन बोले- वामदलों को भारतीय संस्कृति से लेना देना नहीं

Updated Mar 25, 2021 | 06:53 IST

केरल में बीजेपी के कद्दावर चेहरा ई श्रीधरन ने कहा कि लेफ्ट के लोगों को भारतीय संस्कृति से लेना देना नहीं है। बता दें कि वो बुजुर्गों के पैर छूने के संबंध में अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे।

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ई श्रीधरन, बीजेपी के उम्मीदवार
मुख्य बातें
  • बीजेपी के कद्दावर चेहरे ई श्रीधरन ने एलडीएफ पर साधा निशाना
  • पैर छूने का उदाहरण देकर बताया कि वामपंथी दलों को भारतीय संस्कृति से लेना देना नहीं
  • बीजेपी करेगी बेहतर प्रदर्शन, किंगमेकर की भूमिका में आ सकते हैं

नई दिल्ली। जिन चार राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं  उनमें से केरल एक है। 6 अप्रैल को मतदान से पहले राजनीतिक दल एक दूसरे ऊपर आरोपों के जरिए निशाना साध रहे हैं। ओपिनियन पोल के मुताबिक केरल में बीजेपी कुछ खास प्रदर्शन करती हुई नहीं नजर आ रही है। लेकिन मेट्रोमैन के नाम से मशहूर और बीजेपी उम्मीदवार ई श्रीधरन का कुछ और ही कहना है। उनके मुताबिक इस दफा पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी और किंगमेकर की भूमिका में रहेगी।

बड़ों का पैर छूना भारतीय परंपरा
ई श्रीधरन ने कहा कि बड़ों के पैर छूना भारत की परंपरा है। वे (वाम दल) शायद यह नहीं जानते। यह बड़ों के प्रति सम्मान दिखाने का एक तरीका है। यह पूरे भारत में प्रचलित है। इसकी आलोचना करने का मतलब है कि वाम सरकार का हमारी परंपराओं और संस्कृति के लिए कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि केरल आज जिस दौर से गुजर रहा है उसके पीछे कहीं न कहीं भारतीय मूल्यों को नजरंदाज करना है। विकास के साथ अगर संस्कृति का तालमेल हो तो निश्चित तौर पर हम बहुत आगे निकल सकते हैं। 

किंगमेकर की भूमिका में रहेगी बीजेपी
भाजपा को मेरे हिसाब से सीटें जीतने की बहुत अच्छी संभावनाएं हैं। यह पूर्ण बहुमत हो सकता है या एक बड़ी संख्या हो सकती है जिसके द्वारा वे किंगमेकर होंगे। उन्होंने कहा कि केरल में बदलाव का माहौल है उसे अच्छी तरह से समझा जा सकता है। केरल में यूडीएफ और एलडीएफ ने सालों साल शासन किया। लेकिन राज्य को जिस मुकाम पर पहुंचना चाहिए था वो जमीनी हकीकत से कोसों दूर रहा। 

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