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Pranab Mukherjee Health:प्रणब मुखर्जी की हालत बनी हुई है गंभीर, वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं, अस्पताल ने दी जानकारी

Updated Aug 17, 2020 | 13:23 IST

condition of former President Pranab Mukherjee: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की स्थिति सोमवार को अपरिवर्तित रही और वह दिल्ली में सेना अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं।

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अस्पताल ने एक बयान में कहा, 'प्रणब मुखर्जी की हालत गंभीर बनी हुई है

Ex President Pranab Mukherjee Health News: देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत सोमवार को अपरिवर्तित रही और वह सेना अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं, सेना अनुसंधान और रेफरल अस्पताल ने कहा कि प्रणब मुखर्जी के वाइटल और क्लिनिकल पैरामीटर स्टेबल हैं। सोमवार सुबह एक अपडेट में, सेना अनुसंधान और रेफरल अस्पताल ने कहा कि प्रणब मुखर्जी की स्वास्थ्य स्थिति पर विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

अस्पताल ने एक बयान में कहा, 'प्रणब मुखर्जी की हालत गंभीर बनी हुई है। उनके महत्वपूर्ण और क्लिनिकल पैरामीटर्स स्थिर हैं। वे वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं और उनकी कड़ी निगरानी की जा रही है।' 

बेटे अभिजीत मिलकर आए पिताजी से दी ये जानकारी

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सोमवार को सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनके मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी। इससे पहले उनकी कोविड-19 जांच रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी, वहीं इतवार की सुबह उनके बेटे ने जो उनसे मिलकर आए थे जानकारी दी-कल, मैं अपने पिता से मिलने अस्पताल में गया था। ईश्वर की कृपा और आपकी सभी शुभकामनाओं के साथ, वह पहले के दिनों की तुलना में बहुत बेहतर और स्थिर है! उनके सभी महत्वपूर्ण पैरामीटर स्थिर हैं और वह ट्रीटमेंट को रिस्पॉंड कर रहे हैं। हमें दृढ़ विश्वास है कि वह जल्द ही हमारे बीच वापस आ जायेंगे।

वहीं इससे पहले उनकी देखभाल करने वाले चिकित्सकों ने जानकारी दी थी कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के स्वास्थ्य की स्थिति में शनिवार को भी कोई बदलाव नहीं आया और वह जीवनरक्षक प्रणाली पर ही हैं। उन्होंने बताया कि मुखर्जी की हालत स्थिर बनी हुई है और विशेषज्ञों की एक टीम उनकी करीबी निगरानी कर रही है।

इससे पहले उनकी बेटी एवं कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी गत वर्षों में पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी के ध्वजारोहण करने की तस्वीरें ट्वीट की। शर्मिष्ठा ने कहा, 'मेरे बचपन के दिनों में, मेरे पिता और मेरे चाचा गांव में हमारे पैतृक आवास में ध्वजारोहण करते थे। तब से, स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण करने से वह कभी नहीं चूके थे। पिछले वर्षों के समारोहों की कुछ यादें साझा कर रही हूं। मुझे उम्मीद है कि अगले साल वह निश्चित रूप ऐसा करेंगे। जय हिंद।'

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