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जम्मू और कश्मीर में 5 महीने में 87 आतंकी ढेर, 16 नागरिकों की भी मौत, हाइब्रिड आतंकी बने चुनौती

Updated May 27, 2022 | 13:16 IST

Jammu And Kashmir Terrorism: आतंकवादी जम्मू और कश्मीर के माहौल को खराब करने के लिए अब टारेगट किलिंग का सहारा ले रहे हैं। पिछले साल अक्टूबर में कश्मीर पंडित माखन लाल बिंद्रू की हत्या के बाद से अब तक आतंकियों ने 32 आम नागरिकों की हत्या की है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
कश्मीर में टारगेट किलिंग बढ़ी
मुख्य बातें
  • अगस्त 2019 में धारा 370 हटाए जाने के बाद से 17 मई तक 530 आतंकी मारे गए हैं।
  • सुरक्षा बलों के लिए हाइब्रिड आतंकवादी नई चुनौती बन गए हैं।
  • आतंकवादी टारगेट किलिंग के साथ-साथ स्टिकी बम को भी अपना नया हथियार बना रहे हैं। उनके निशाने पर अमरनाथ यात्रा है।

Jammu And Kashmir Terrorism: पहले 13 मई को कश्मीरी पंडित और सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट (Rahul Bhatt) की हत्या और फिर कश्मीरी अभिनेत्री अमरीन भट्ट (Amrin Bhatt) की हत्या से साफ है कि आतंकवादी जम्मू और कश्मीर (Jammu And Kashmir) के माहौल को खराब करने के लिए अब टारेगट किलिंग का सहारा ले रहे हैं। जिससे स्थानीय लोगों में ज्यादा से ज्यादा दहशत फैले। टारगेट किंलिंग की इस हैवानियत का खेल पाकिस्तानी आतंकी के साथ-साथ, घरेलू स्तर पर तैयार हो रहे हाइब्रिड आतंकी कर रहे हैं। इसी का असर है कि इस साल जनवरी से अब तक (26 मई) तक 16 आम नागरिकों की मौत हो गई है। और सेना की कार्रवाई में 85 से ज्यादा आतंकी मारे जा चुके हैं।

कश्मीरी पंडित निशाने पर

मई के महीने में पहले कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट और फिर अभिनेत्री अमरीन भट्ट की हत्या साफ है कि आतंकवादी कश्मीरी पंडित और नामचीन लोगों को निशाना बना रहे हैं।  यह पैटर्न पिछले साल अक्टूबर में श्रीनगर में फार्मासिस्ट माखनलाल बिंद्रू की आतंकियों ने उनके मेडिकल स्टोर में घुसकर हत्या करने के साथ शुरू किया है। उसके बाद से कश्मीरी पंडितों और गैर मुस्लिमों को आतंकियों ने ज्यादातर निशाना बनाया है। पिछले साल अक्टूबर से लेकर 17 मई तक आतंकियों ने 32 आम नागरिकों की हत्या की है।

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हाइब्रिड आतंकवादी बने चुनौती

जम्मू और कश्मीर में धारा 370 को खत्म करने के बाद, आतंकवादियों के खिलाफ जिस तरह से आपरेशन चलाया है, उसके बाद से बड़े पैमाने पर आतंकियों के सफाए का अभियान सुरक्षा बलों ने चलाया है। साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल के अनुसार अगस्त 2019 में धारा 370 हटाए जाने के बाद से 17 मई तक 530 आतंकी मारे गए हैं। जाहिर है इतने बड़े पैमाने पर आतंकियों के खात्मे के बाद, आतंकियों ने अपनी रणनीति बनाई है। जिसमे वह हाइब्रिड आतंकी पर दांव लगा रहे हैं। आतंकवादी ऐसे लोगों को आतंकी घटनाओं के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, जो आम तौर पर स्थानीय युवा हैं। वह पिस्टल से हमलाकर, गायब हो जा रहे हैं। और सामान्य जीवन जीने लगते हैं। ऐसे लोगों आसानी से लोगों के बीच घुल-मिल जाते हैं। इनका कोई पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहता है। ऐसे में उनकी पहचान मुश्किल है। इस तरीके के दहशतगर्दों को हाइब्रिड आतंकी कहा जा रहा है।

जनवरी से अब 85 से ज्यादा आतंकी मारे गए

जम्मू कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार (IG Vijay Kumar) ने बताया है कि बीते बृहस्पतिवार को श्रीनगर मुठभेड़ में मारे गए लश्कर के दो आतंकवादियों की पहचान शाकिर अहमद वाजा और आफरीन आफताब मलिक के रूप में हुई है। कश्मीर घाटी में पिछले 3 दिनों में 10 आतंकी मारे गए हैं जिनमें जैश-ए-मोहम्मद के 3 और लश्कर-ए-तैयबा के 7 आतंकी शामिल हैं। वही साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल के अनुसार 17 मई तक इस साल जनवरी से अब तक 77 आतंकियों को मार गिराया गया है। यानी 26 मई तक 87 या उससे ज्यादा आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है। वही 17 मई तक 15 आम नागरिक और 15 सुरक्षा बलों की मौत हो गई है।

अमरनाथ यात्री निशाने पर

आतंकवादी टारगेट किलिंग के साथ-साथ स्टिकी बम को भी अपना नया हथियार बना रहे हैं। हाल ही में जमम्मू-कश्मीर  के कटरा में तीर्थ यात्रियों को ले जा रही बस पर आतंकी हमले का दावा किया गया है। इस दावे के बाद जांच एजेंसियों को शक है कि इस हमले में स्टिकी बम (Sticky Bomb) का इस्तेमाल किया गया था। असल में पिछले एक साल में सुरक्षा बलों को छापे में कई जगहों पर स्टिकी बम मिले हैं। जिन्हें आतंकी हमले के लिए इस्तेमाल किया जाना था।  सुरक्षा बलों को 30 जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) के लिए भी सतर्क किया जा रहा है। असल में स्टिकी बम का इस्तेमाल अफगानिस्तान में तालिबानियों ने नाटो सेना के खिलाफ बड़ी संख्या में इस्तेमाल किया था। अब ऐसी आशंका है पाकिस्तान (Pakistan) स्टिकी बम का इस्तेमाल भारत में आतंकियों के जरिए इस्तेमाल कराने में मदद कर रहा है।
 

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